healthy winter food|सर्दियो में बनाएं सेहत,जाने खानपान के जरूरी नियम

ठंडिया आ गई हैं . सर्दियों में अच्छा अच्छा खाना होतो क्या बात है .पर सर्दियीं में कैसा खाना खाएं जो हमारे स्वस्थ्य की दृष्टि से भी बहुत अच्छा हो . अगर आ खाने के शौक़ीन हैं तो आप खुश हो जाइये क्यों की खाना खाने के लिए सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा है। इस मौसम में आप सब कुछ खा सकते हैं | आयुर्वेद में शर्दियों के मौसम में खाने में भरपूर छुट दी गई है

सर्दियों का मौसम खाने का सबसे अच्छा मौसम होता है | क्योकि आयुर्वेद में अक्सर आपको किसी भी बीमारी में परहेज ही बताया जाता है या साधारण जीवन शैली में भी हलके भोजन को ही प्राथमिकता दी गई है।आयुर्वेद के अनुसार हमे हल्का सुपाच्य भोजन करना चाहिए , परन्तु सर्दियां खाशकर उनलोगों के लिए जो खाने के शौक़ीन है सबसे अच्छा .क्योंकि इस मौसम में बहुत सी स्वादिष्ट चीजें आप ले सकते है और उनको लेने के लिए अच्छा माना जाता है । Winter skin care tips I सर्दियों में ये नुस्खे आपके त्वचा और शरीर के लिए जादू का काम करेगे

आयुर्वेद में किसी तरह के खान पान या मौसम के अनुसान खाने पिने के जो नियम बताये गए हैं उसे ऋतुचर्या कहा गया है । Kaph dosh prakriti

मासैर्द्विसङ्ख्यैर्माघाद्यैः क्रमात् षडृतवः स्मृताः। शिशिरोऽथ वसन्तश्च ग्रीष्मो वर्षाः शरद्धिमाः ।।
शिशिराद्यास्त्रिभिस्तैस्तु विद्यादयनमुत्तरम् । आदानं च, तदादत्ते नृणां प्रतिदिनं बलम् ॥२॥

छः ऋतुएँ—माघ आदि दो-दो महीनों से क्रमशः छः ऋतुएँ होती हैं। यथा – १. माघ फाल्गुन : शिशिर ऋतु, २. चैत्र-वैशाख वसन्त ऋतु, ३. ज्येष्ठ-आषाढ़ : ग्रीष्म ऋतु, ४. श्रावण भाद्रपद : वर्षा ऋतु, ५. आश्विन
कार्तिक : शरद् ऋतु और ६. मार्गशीर्ष पौष हेमन्त ऋतु।

अष्टांगहृदय सूत्रस्थान ३ ऋतुचर्या अध्याय

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आयुर्वेद में ६ ऋतु बताये गये हैं

शिशिर
बसंत
ग्रीष्म
वर्षा
शरद
हेमंत

ये सर्दियों का मौसम चार महीने का पीरियड है नवम्बर मध्य से जनवरी मध्य का हेमंत ऋतू है और उसके बाद जनवरी मध्य से march मध्य का शिशिर ऋतु होता है .
अष्टांग ह्रदय सूत्रस्थान अध्याय ३ में ऋतुचर्या का पूरा वर्णन किया गया है उसके अनुसार सर्दियों में भोजन स्निग्ध और गुरु गुण का हो मतलब स्निग्ध और पचने में भारी चीजें हो ।Crack heels homemade remedy | best crack heels home remedy at home in hind

हमन्त ऋतुचया

बलिनः। शीतसंरोधाद्धेमन्ते। प्रबलोऽनलः ॥ ७ ॥

भवत्यल्पेन्धनो धातून् स पचेद्वायुनेरितः । अतो हिमेऽस्मिन्सेवेत स्वाद्वम्ललवणान्रसान् ॥ ८ ॥

हेमन्तऋतुचर्या – हेमन्त ऋतु में कालस्वभाव के कारण पुरुष अधिक बलवान् रहता है। क्योंकि शीत के कारण भीतर रुका होने के कारण ( अर्थात् रोमकूपों के शीत से अवरुद्ध होने के कारण ) जठराग्नि (पाचकाग्नि) अधिक बलवान् हो जाती है। यदि उसे आहार रूपी ईंधन (जिसे वह जठराग्नि पका या जला सके।) कम मिल पाता है, तो वह अग्नि वायु द्वारा प्रेरित होकर ( सुलगकर ) रस आदि शरीरस्थ धातुओं को पचाने लगती है। इसलिए हेमन्त ऋतु में वातनाशक मधुर, अम्ल तथा लवण रसयुक्त का पर्याप्त सेवन करना चाहिए ।। ७-८ ।।

अगर बात करें स्वाद की तो खाने में मधुर अम्ल और लवण स्वाद युक्त होना चाहिए मधुर मतलब मीठा स्वाद अम्ल मतलब खट्टा स्वाद और लवण मतलब नमक या खारा स्वाद

सर्दियों में स्निग्ध और भारी भोजन क्यों करना चाहिए

सर्दियों में मौसम में हमारी जठराग्नि तेज होती है इसलिए हम कुछ भी खाते हैं वो आसानी से पच जाता है और जल्दी पच जाता है .अब सवाल ये है की उस समय हमारी जठराग्नि क्यों तीव्र होती है उसकी वजह ये है की हेमंत ऋतू में बाहर सर्दियां ज्यादा होने ठंडी हवा चलने की वजह से हमारे शरीर के रोमछिद्र सिकुड़ जाते है जिससे शरीर के अंदर की ऊष्मा अंदर ही रह जाती है जिससे फलस्वरूप जठराग्नि प्रदीप्त होता है इसलिए अगर हम इसे आहार रूपी इंधन नही देगे और जब अग्नि प्रदीप्त होगी तो ये हमारे शरीर के धातुवों का ही छय करने लगता है .इसलिए सर्दियों में भारी और स्निग्ध भोजन करने की सलाह दी जाती है।इस वक़्त हम जितना भी खाएं पच जाता है ।Carrot health benefits in Hindi|गाजर खाने के औषधीय गुण

क्या क्या खाएं सर्दियों में

सर्दियों में मीठा खाना चाहिए ?

अगर आप मीठे के सौकीन हैं तो सर्दियों में आप भरपूर आनंद लीजिये मीठे का हमारे जो पारम्परिक मिठाइयाँ है उसे अपने खाने में सम्मिलित करना चाहिए जैसे गाजर का हलवा बनाकर खाइए मुंग का हलवा बनाकर खाइए लड्डू बनाकर खा सकते है सूखे मेवे के लड्डू बनाकर खा सकते चिक्की खा सकते है गुड से बने मिठाइयाँ सबसे अच्छी है ठंडी के दिनों में | Only one habbit keep you forever young | बस एक आदत जो रखे आपको हमेसा जवान

अब सवाल ये उठता है मीठा कब खाएं .आयुर्वेद के अनुसार मीठा हमेसा भोजन से पहले खाना चाहिए ।क्योंकि भोजन से पहले अग्नि तेज होती है हमारी और मीठा पचने के लिए तेज अग्नि की आवश्यकता होती है ।इसलिए भोजन से पहले मीठा खाने के लिए कहा गया है आयुर्वेद में | न जाने कहा से या किसने ये परम्परा शुरू कर दी खाना खाने के बाद मीठा खाने की.आयुर्वेद के अनुसार भोजन के बाद मीठा नही खाना चाहिए अगर भोजन के बाद मीठा खाते है तो उससे कफ दोष बढ़ता है।Winter foods and routine for good health

क्या सर्दियों में दूध और दूध के उत्पाद खा सकते हैं

दूध या दूध से बने पदार्थ सर्दियों में ले सकते है जैसे खीर राबड़ी पनीर मावा मलाई सब कुछ ले सकते है यहाँ तक की दही भी सर्दियों में बेझिझक ले सकते हैं क्योकि आयुर्वेद के अनुसार दही की तासीर गर्म होती है .अगर आपको लगता है की दही खाने से आपको सर्दी जुकाम होता है तो आप दही में शहद मिलाकर खा सकते हैं | दूध पचने में भरी होता है पर सर्दियों में इसका सेवन फायदेमंद है ।paan khane ke fayde aur nuksaan

सर्दियों में खट्टी चीजें खाए खट्टी चीजों में दही सबसे बेस्ट है आयुर्वेद के अनुसार दही गरम होता है इसमें स्निग्धता है और पचने में भी भारी होता है तो दही का सेवन जरुर करें।

कौन से अनाज का सेवन अच्छा है सर्दियों में ।

गेहूं के आटे से बनी रोटी खाए यह स्निग्ध और बल देने वाली है और पचने में भारी है बाजरा गरम प्रकृति का है सर्दियों में बाजरा की रोटी भी फायदेमंद है मक्के की रोटी भी सर्दियों में खा सकते है अगर नया चावल है तो बहुत अच्छा होता है क्योंकि नया चावल पचने में भारी होता है ।ज्वार की रोटीभी खा सकते हैं Only one habbit keep you forever young | बस एक आदत जो रखे आपको हमेसा जवान

सर्दियों में कौन सी दाल खाएं

दालों में मुंग और उरद सबसे अच्छी है चने की दाल भी खा सकते हैं । सर्दियों में मुंग की दाल खा सकते है ।मुंग की दाल बना सकते हैं पकौड़ी बना सकते हैं और मुंग के दाल का हलवा अंकुरित मुंग भी खा सकते हैं । सर्दियों में उरद दाल बहुत अच्छा होता है।

उड़द की दाल में फाइबर, आइसोफ्लेवोंस, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, आयरन, कॉपर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, पोटैशियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा साबित होता है.

चने की दाल भी अच्छी होती सर्दियों में आप इसे भी खा सकते हैं ।

सर्दियों में सब्जियों का सेवन

सर्दियों में सब्जियों की बहार रहती है तरह तरह की सब्जियां मिलती है आप सब्जियों का भरपूर सेवन करें सब्जियों में लौकी कद्दू गोभी बंद गोभी परवल लाल पत्ते हरे पत्ते की सब्जी भिन्डी गिलकी परवल अनेको सब्जियां आप सर्दियों में खा सकते है और सर्दियों का भरपूर आनंद ले सकते हैं सब्जियों का सूप बनाकर पी सकते हैं ।पित्त प्रकृति के शारीरिक मानसिक लक्षण समस्याएं

कंदमूल में आलू सुरन अरबी गाजर अदरक चुकंदर प्याज गीली हल्दी मूली खा सकते हैं

फल

अगर फल खाने के इच्छुक है तो आयुर्वेद में भोजन से पहले फल खाने को कहा गया है । सर्दियों में विभिन्न प्रकार के फल उपलब्ध होते हैं

अंगूर सेव चीकू आलू बुखारा संतरा खाशकर आवला |आवला एक ऐसा फल है जो किसी भी समय किसी भी तरह से खा सकते हैं ।फलों को आयुर्वेद में खाना खाने से पहले ग्रहण करने के लये कहा गया है परन्तु आंवला एक ऐसा फल है जिसे खाने से पहले बिच में साथ में या बाद में कभी भी ले सकते हैं ।ashwagandha health benefits

घी तेल का सेवन

ठंड में तेल और घी बहुत अच्छे से सेवन कर सकते है तली हुई चीजें भी खा सकते हैं तली हुयी चीजों का ये मतलब नही है की आप बाजार से तली भुनी चीजें ले पैकेट बंद उत्पाद लें । घर में बनी हुई चिजे खा सकते है |बाहर के तले भुने सामान में किस तरह का तेल उपयोग हुआ हमे नही पता होता है एक ही तेल को बार बार गर्म करते हैं वो तेल आपके स्वास्थ्य को नुक्सान ही करता है इसलिए घर पर बनाये और जो मन करे वो खाएं । Know your body type in ayurveda

सूखे मेवे के लड्डू

सर्दियों में सूखे मेवे के लड्डू बनाकर खाएं वो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है पहले हर घर में सर्दीयाँ सुरु होते ही मेवे के लड्डू चिक्की तिल के लड्डू बनने लगते थे लोग सुबह के नाश्ते में खाते थे ।परन्तु अब इन पारम्परिक मिठाइयों की जगह बिस्कुट बाजार की बनी मिठाई पैकेट बंद प्रोडक्ट ने ले लिया है ।परिणाम स्वरूम हम in पारम्परिक मिठाइयो के स्वस्थ्य लाभ से वंचित रह गये है और पैकेट बंद फ़ूड से अपने स्वस्थ्य का सत्यानास कर लिए हैं ।इसलिए in सर्दियों में एक नै शुरुवात कीजिये अपनी पारंपरिक मिठैया घर पर बनाइए अब एक स्वस्थ दिनचर्या की तरफ अपना एक कदम आगे बढाइये | health benfits of til (sesame seed)

गरम पानी का सेवन करना चाहिए

सर्दियों में गरम पानी का सेवन जरुर करना चाहिए । सर्दियों में हम सभी भारी चीजों का सेवन करते है गरम पानी पचाने में सहायक होता हैं ।paan khane ke fayde aur nuksaan

गुड की चीजें खाएं

गुड से बनी चीजों का सेवन जरुर करें सर्दियों में गुड खाना को पचाने में भी सहायक होता है साथ ही यह हमें बहुत सरे पोषक तत्व से भरपूर होता है ।गुड की चिक्की बनाकर खाए तिल और गुड के लड्डू और भी गुड के बहुत सारे उत्पाद खा सकते है दही गुड खा सकते है ।

तिल लौंग अजवाइन मुनक्का अखरोट बदम सब सर्दियों में जरुर खाएं ।तिल की तासीर गरम होती है ।तिल का उपयोग ठंडी में आपके शारीर को गरम रखने में मदद करता हैतिल में मोनो-सैचुरेटेड फैटी एसिड पाए जाते हैं, जो शरीर से बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करके, अच्छे कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल को बढ़ाने में मदद करते है | तिल  में कई पोषक तत्व होते हैं, जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट्स, तांबा, लोहा, मैग्नीशियम आदि। इसके अलावा पुराने समय से खूबसूरती बनाए रखने के लिए भी तिल का उपयोग किया जाता रहा है। अजवाइन का सेवन ठंडी से बचाने में मदद करता है |अगर आप थ्न्दियों में रोज अज्वैन का सेवन करते है तो सर्दियों से तो बचते ही है पाचन भी सही रहता है वाट दोष भी ठीक होता है ।गुड खाने के फायदे | jaggery health benefits

अगर पान के शौक़ीन है इस मौसम में पान जरुर खाइए उसमे चुना कत्था जावित्री सौंफ ये सब मिलाकर खा सकते हैं ।

सावधानियां

सर्दियों में रातें लम्बी होती है इसलिए सुबह उठते ही भूख लगती है तो जब भी भूख लगे हमे खाना है वरना भूख लगने पर नही खायेगे तो हमारी धतुवो का छय होगा

जो वात वर्धक खान पान है ठन्डे प्रकृति की चीजे को अवॉयड करना है कम मात्रा में भोजन नही करना है सत्तू का सेवन नही करन है

सर्दियों में तेल मालिश जरुर करें ।

Only one habbit keep you forever young | बस एक आदत जो रखे आपको हमेसा जवान

दृष्टि यकृत् । अभ्यङ्गसेवन-विधान — प्रतिदिन अभ्यंग ( मालिश) करना या कराना चाहिए, क्योंकि वह जरा ( बुढ़ापा ), श्रम ( थकावट ) तथा वातज विकारों को नष्ट करता है, दृष्टि को स्वच्छ करता है, शरीर को पुष्ट करता है, आयु को बढ़ाता है, गहरी नींद लाता है, त्वचा के सौन्दर्य को स्थिर बनाये रखता है और मांसपेशियों को दृढ़ एवं सुडौल ( गठीली ) बनाता है ॥ ८ ॥

आचार्य वाग्भट्ट

उबटन जरुर लगाये।

व्यायाम जरुर करना है सर्दियों में भारी चीजें खाते है उनके सम्पूर्ण पाचन के लिए व्यायाम जरूरी है

ठंड से बचाव करें

ठंडी हवाओ से बचें

धुप का सेवन करें

गर्म पानी का उपयोग करें

अष्टाङ्गहृदये :

दीपनं पाचनं कण्ठ्यं लघूष्णं बस्तिशोधनम् ।। १६ ।। हिष्माष्मानानिलश्लेष्मसद्यः शुद्धिनवज्वरे कासामपीनसश्वासपार्श्वरुक्षु च शस्यते ॥ १७ ॥

उष्ण जलसेवन के लाभ — यह जठराग्नि को प्रदीप्त करता है, आमरस को पचाता है, कण्ठ के लिए हितकर है, लघु ( शीघ्र पचता) है, बस्ति का शोधक है; हिक्का, अफरा, वातविकार, कफविकार, तत्काल किये गये वमन, विरेचन, नवज्वर, कास, आमाजीर्ण, पीनस, श्वास तथा पार्श्वशूल रोगों में इसका प्रयोग प्रशंसित है ।। १६-१७

और देखें

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  1. सर्दियों में कैसा भोजन करें

    आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों में भोजन स्निग्ध गुण और गुरु गुण का होना चाहिए ,मतलब चिकना और भरी होना चाहिए उपर सम्पूर्ण विश्लेषण पढ़ सकते हैं

  2. सर्दी में ताकत के लिए क्या खाएं?

    सर्दियों में ताक़त के लिए सूखे मेवे का सेवन कर सकते है दूध से बनी चीजें और दूध भी ले सकते है विभिन्न प्रकार के फल आते है उनका उपयोग कर सकते है घी का सेवन कर सकते हैं ।सूखे मेवे का लड्डू बनाकर खा सकते है

  3. सर्दियों में कौन सा अनाज खाएं ?

    गेहूं के आटे से बनी रोटी खाए यह स्निग्ध और बल देने वाली है और पचने में भारी है बाजरा गरम प्रकृति का है सर्दियों में बाजरा की रोटी भी फायदेमंद है मक्के की रोटी भी सर्दियों में खा हस्ते है अगर न्य चावल है तो बहुत अच्छा होता है क्योंकि नया चावल पचने में भारी होता है ।ज्वार की रोटीभी खा सकते हैं ।

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