Leaf Curl Virus home made spray or treatment in hindi |marod rog ka gharelu upay

मुड़ने लग जाती हैं पौधों की पत्तियां तो इस तरह करें देखभाल

लीफ कर्ल क्या है:

लीफ कर्ल एक कवक रोग ( टेफ्रिना डिफॉर्मन्स ) है जो पत्तियों और फलों पर हमला करता है। यह पत्तियों के बदसूरत पकने और विकृत होने का कारण बनता है, पत्तियाँ समय से पहले गिर जाती हैं और पौधों को गंभीर रूप से कमजोर कर देती हैं और फल उत्पादन को बहुत प्रभावित करती हैं। फल भी सीधे संक्रमित हो सकते हैं और समय से पहले गिर सकते हैं। 

लीफ कर्ल पौधों को होने वाली एक बिमारी है जिसको मरोड़ रोग चुरडा-मुरडा,बोकाडया आदि कई नामों से भिन्न भिन्न जगहों पर बोला जाता है.. थ्रिफ्स वाले पौधे को लीफ कर्ल नही कहा जाता है .न ही वायरस को लीफ कर्ल कहा जाता है आइये पहले जानते है थ्रिप्स वायरस माइट्रस लीफ कर्ल है क्या

थ्रिफ्स :

जब थ्रिप्स आता है तो नई पत्तियां आती है वो उपर की तरफ सिकुड़ने लगती है और निचे की पत्तिय वैसे ही रहती उनपर कोई खाश असर नही दीखता .मतलब थ्रिफ्स नई पत्तियों पर अटैक करते हैं

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वायरस

उसके बाद जब वायरस आता है तो पूरे पौधे का विकास रुक जाता और पौधा खराब हो जाता है

माइट्स

माइट्स जब माइट्स का अटैक आता है तो पत्तियां निचे की तरफ मुड़ने लगती हैं .

लीफ कर्ल को कैसे पह्चाने :

जब आपके प्लाट पर बगीचे में पौधे की पत्तियां हलकी तिरछी दिखने लगे लपेटी हुई दिखने लगे कर्ली दिखने लगें तब समझिये की मरोड़ रोग (लीफ कर्ल) सुरु हो गया है पत्तियों का कर्ली हो जाना लीफ कर्ल की पहचान है

इस तरह से पौधों पर पहले लीफ कर्ल आता है और उसके बाद वो वायरस का रूप ले लेता है .जिसकी वजह से सारे पौधे खराब होने लगते हैं

वायरस कैसे आता है ?

ये सफ़ेद मक्खी (white flies) से आते है छोटे छोटे कीड़े मकोड़े होते है उनसे आता है मतलब की वायरस से इन्फेक्टेड प्लांट पर जो भी कीड़े या व्हाईट फ्लाई जाते है उनका रस चूसते है अगर वे दुसरे पौधे पर जायेगे तो वो वायरस वहां भी फैलायेगे ऐसे वो पूरा बगीचा या खेत वायरस से संक्रमित कर सकते है अगर समय रहते उनका इलाज नही किया गया तो व्हाईट फ्लाई से लीफ कर्ल बहुत तेजी से फैलता है

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कब बढ़ता है :

लक्षण

रोग की शुरुआत पौधों की नई उपरी छोटी पत्तियों का शिरा मोटा होना .

पत्ती का ऊपर/नीचे मुड़ना और मोटा होना

इसके बाद कप के आकार की पत्ती के लैमिनर का बनना,

जून से लेकर अक्टूबर नवम्बर तक व्हाईट फ्लाई बहुत तेजी से बढ़ता है उसके बाद गर्मियों में भी इनके लिए बहुत ही पोषक समय रहता है जब २८ से ज्यादा तापमान रहता है तो व्हाईट फ्लाई बहुत तेजी से फैलते हैं .3 type onion peel fertilizer

रोकथाम:

देसी उपाय

येलो स्ट्रेप

येलो स्ट्रेप लगाकर .येलो स्ट्रेप व्हाईट फ्लाई को आकर्षित करती है और जैसे ही व्हाईट फ्लाई उसपर जाएगी चिपक जाएगी.

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गेंदे का फूल :

अपने बगीचे या खेत में जहाँ भी व्हाईट फ्लाई का अटैक है वहाँ गेंदा के फूल के पौधे लगा सकते है उस फूल से आकर्षित होकर व्हाईट फ्लाई उसपर चली जाएगी और आप उन फूलों पर कोइ भी केमिकल दवा डालकर उन्हें ख़तम कर सकते हैं .

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घास खरपतवार अगर आपके बगीचे या खेत में है तो उसे हटा दीजिये क्योंकि व्हाईट फ्लाई के अंडे घास में रहते है

घरेलु उपाय आर्गेनिक ट्रीटमेंट

हरी मिर्च में अदरक पीसकर छिडकाव कर सकते है

हरी मिर्च में गोमूत्र मिलाकर कर छिडकाव कर सकते है.

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लहसुन से भी बहुत अच्छी इसकी दवाई बनाई जा सकती है बनाने की विधि है पुरे विस्तार ये यहाँ आपको बतायेगे

लीफ कर्ल दवाई बनाने की विधि 1

इस home made दवाई को बनाने के लिए आपको अपने घर से दो सामग्री की जरूरत पड़ेगी जो लगभग सभी के घरों में उपलब्ध होती है बनाने की विधि भी आसन है .

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सामग्री

लहसुन :100 ग्राम

दही या छाछ :100 ग्राम

बनाने की विधी :

इस दवा को बनाने के लिए 100 ग्राम लहसुन की कली को छीलकर छिलका हटा देगे .अब लहसुन और दही को मिलाकर एक साथ मिक्सी में पिस लेंगे .इस मिश्रण को एक हफ्ते तक रख देगे एक हफ्ते बाद इसे छानकर पानी में मिलाकर पौधों पर छिडकाव करेगे .ये मिश्रण लीफ कर्ल से पौधों का बचाव भी करता है अगर हो गया है तो पौधों को ठीक भी करता है

लीफ कर्ल दवाई बनाने की विधि 2

लहसुन अदरक और मिर्ची का पेस्ट बनाकर उसको पानी में मिलाकर उसका छिडकाव भी कर सकते है इसे बचाव के लिए भी 10 से -१५ दिन पर छिडकाव कर सकते है जिससे ये समस्या आएगी ही नही और अगर आ गई है तो पौधों का बचाव भी करेगी .

लीफ कर्ल दवाई बनाने की विधि 2

छाछ

छाछ से भी लीफ कर्ल का इलाज किया जा सकता है छाछ को ताम्बे के बर्तन में एक हफ्ते के लिए छोड दें जब ये खट्टी हो जाये और ताम्बे का अर्क आ जाये इसमें तो इसमें पानी मिलाकर छानकर पौधों पर छिडकाव कर दें .

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जीन पौधे पर लीफ कर्ल है उसे उखाड़ कर फेक दे वरना और पौधों को भी नुकसान पहुचायेगा .अगर पौधा पूरी तरह से लीफ कर्ल के अटैक में आ गया तो वो सही नही होगा

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लीफ कर्ल क्या है:

लीफ कर्ल एक कवक रोग ( टेफ्रिना डिफॉर्मन्स ) है जो पत्तियों और फलों पर हमला करता है। यह पत्तियों के बदसूरत पकने और विकृत होने का कारण बनता है, पत्तियाँ समय से पहले गिर जाती हैं और पौधों को गंभीर रूप से कमजोर कर देती हैं और फल उत्पादन को बहुत प्रभावित करती हैं। फल भी सीधे संक्रमित हो सकते हैं और समय से पहले गिर सकते हैं। 
लीफ कर्ल पौधों को होने वाली एक बिमारी है जिसको मरोड़ रोग चुरडा-मुरडा,बोकाडया आदि कई नामों से भिन्न भिन्न जगहों पर बोला जाता है.. थ्रिफ्स वाले पौधे को लीफ कर्ल नही कहा जाता है .न ही वायरस को लीफ कर्ल कहा जाता है आइये पहले जानते है थ्रिप्स वायरस माइट्रस लीफ कर्ल है क्या

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