paan khane ke fayde aur nuksaan
पान के बारे में तो हमारे देश का बच्चा बच्चा जानते है .हर गली सड़क पर आपको पान की दूकान मिल जाएगी इतनी ज्यादा मात्र में पान खाने वाले लोग हैं यहाँ .यही नही शादी विवाह पूजा पथ हर तरह के अवसर पर पण का उपयोग होता है देवी देवताओं को चढ़ने के लिए भी पान का उपयोग किया जाता है कहते है पान शुभ होता है.परंरू फिर भी पान खाना अच्छा क्यों नही मन जाता उस्किम वजह है पण के साथ खाया जाने वाला गुटका दरअसल पान एक बहुत ही अच्छी औषधि है इसलिए हमारे पूर्वजों ने हर शुभ मौके पर पान खाने की प्रथा बनाई और हर शुभ काम में पान को शामिल किया ताकि हम इस औषधि को भूलें न . आयुर्वेद के अनुसार ऐसे बहुत सी बीमारियाँ है जिनको पान का पत्ता दूर करता है यह एक बहुत ही अच्छी औषधि है Know your body type in ayurveda
पान के फायदे और उपयोग (Betel Leaf (Paan) health Benefits ))
आयुर्वेद के अनुसार ऐसे बहुत सी बीमारियाँ है जिसको ये पान का पत्ता दूर कर सकता है .आयुर्वेद के अनुसार पान स्वाभाव से गरम है और ये वात और कफ पर काम करता है, और उससे सम्बंधित बीमारियाँ जैसे खासी जुकाम नाक जाम साइनस में सिर दर्द, आंखों की बीमारी, कान दर्द, मुंह के रोग कफ होने पर खासी जुकाम लार निकलना इस तरह की समस्या या हैपोथायराइड जैसे बीमारियाँ कुक्कर खांसी, ह्रदय रोग, दांत में कीड़े लगना हार्ट की परेसानी कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ है इस सभी रोग में भी पान के औषधीय गुण से लाभ मिलता है। जिनको बहुत आलास आता है निंद आती है मुह से दुर्भुगन्ध आना ये सब कफ से सम्बंधित बीमारियाँ है और इनमे पान बहुत फायदेमंद है .
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पान के इतने गुणकारी होने के पीछे जो कारन है वो है इसका रस .आयुर्वेद में 6 भोजन के रस है मीठा, खट्टा, नमक, तीखा, कडवा , कसैला इसमें तीखा कडवा और कसैला रस कफ को कम करते है और पान में यही तीनो रस पाए जाते हैं.
आयुर्वेद के अनुसार हमारे सीने के उपर का भाग कफ का प्रधान एरिया है .अमाशय और उसको ऊपर का एरिया कफ का स्थान है .अमाशय पेट और नाभि के बिच का भाग पित्त का है और उसके निचे का भाग वात का है .जैसा की निचे फोटो में दर्शाया गया है vaat-prakriti
0 से 16 का समय कफ प्रधान होता है 16 से 4० -45 वैसे आयुर्वेद में 60 कहा गया है पर अब उम्र कम हो रही है. आयुर्वेद के अनुसार 16 से 60 पित्त प्रधान समय है और उसक बाद वात का समय है .
बच्चों के लिए पान फायदेमंद
ऐसे में बच्चो को क्रीमी की समस्या और बक्तिरिअल इन्फेक्शन बहुत होता है ऐसे में पान बहुत लाभकारी है बच्चों के लिए . बच्चों को सर्दी होने पर भी पान के इस्तेमाल से फायदा होता है। पान के पत्तों को गर्म कर लें। इसमें एरंड का तेल लगाकर छाती पर बाँधें। इससे आराम होता है।
मुखवास
आयुर्वेद में इसको मुख को साफ़ करने वाला कहा गया है .पान में एंटीबक्टिरियल गुण पाए जाते है .इसलिए इसे खाना खाने के बाद लोग खाते है और ये खाने के बाद पाचन को भी सही रखता है .पान के पत्ते मुह को साफ रखने और मुह के इन्फेक्शन को हटता है .teeth whitening home made remedy