रजस्वला परिचर्या माहवारी से जुड़े समस्या और उसके समाधान और नियमों में बारे में आयुर्वेद में दी गई सटीक जानकारी रजस्वला परिचर्या पर है जिसको सामान्य भाषा मे मासिक धर्म महावारी पीरियड महीना आना monthly cycle इत्यादि नामों से जाना जाता है  

ज्यादा दौड़ भाग न करें

आयुर्वेद ऐसा कहता है जब मासिक धर्म आये उन दिनों में ज्यादा भागदौड़ उछल कूद या काम ना करें किसी भी प्रकार का काम काज भाग दौड़ आपके शारीर में और वायु को बढ़ाएगा जितना वायु बढ़ेगी उतनी मासिक से समबन्धित तकलीफें बढ़ेगी ।

ब्रम्हचर्य के नियमो का पालन करें

ब्रम्हचारिणी के नियमो का पालन करें इन दिनों में किसी भी तरह के सेक्सुअल कंटेंट या सोच से बच कर रहे क्योकि उस समय में आपके गर्भाशय की साफ़ सफाई हो रहा इस तरह के संबंध से या सोच से आपके शरीर में और बीमारी बढेगी। 

दिन में न सोएं

इन दिनों में दिन में सोना मना है .इसलिए इन दिनों में रात में जल्दी सो सकते है रात में पूरी तरह नींद ले सकते है क्योकि दिन में सोने से कफ दोष बढ़ता है .रात में सोने से तो वात और पित्त दोष संतुलित रहता है 

श्रृंगार न करें

इन दिनों में आंखों में काजल लगाना शरीर पर लेप लगान इन सब चीजों बचना चाहिए क्योकि इन दिनों में हमार शरीर डिटॉक्सीफिकेशन का काम करता ।हमारे शरीर से से टोक्सिन निकलता है .लेप लगाने अंजन लगाने से इनके काम में अवरोध उत्पन्न होता है । वात और पित्त दोष संतुलित रहता है 

तेज आवाज से बचना चाहिए

जोर जोर से हसने से बचना चाहिए कोई जोर जोर से बोलता है उससे भी बचना चाहिए ।क्योकि ज्यादा क्रियाशील रहने से वात दोष बढ़ेगा और हमारा गर्भाशय वात के एरिया में आता है इसलिए हमे कम से कम एक्टिविटी करनी चाहिए ।