viruddh aahar|wrong food combination |
विरूद्ध आहार क्या है in hindi (What is Incompatible Foods) :
विरुद्ध आहार मतलब उल्टा खान पान । ऐसा भोजन जिसके विपरीत प्रभाव हमारे शरीर पर देखने को मिलते है |ऐसा खान पान जो हमे फायदा न करके हमारे दोषों को बढ़ा दे । हमारे शरीर में मुख्यतया तीन प्रकार के दोष पाए जाते हैं अगर हम विरुद्ध आहार लेते है तो ये विकृत हो जाते है और हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियों का कारण बन जाता है ।
जो चीजें खाकर आपके शरीर पर उल्टा असर करती है आपके दोषों को और बढा देती है पर उन्हे निकालती नहीं आपकी जो सात धातुए है रस रक्त माँस मेध अस्थि मज्जा शुक्र इन सातों धातुओं को अपना काम नहीं करने देती ऐसे टॉक्सिन बनते है जो न तो बॉडी ऐब्सॉर्ब करती है न ही निकलती है और शरीर में पड़े रहते है और कई तरह की बीमारिओ का कारण बनते हैं |कुछ खाद्य-पदार्थ तो स्वभाव से ही हानिकारक होते हैं। जबकि कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो अकेले तो बहुत गुणकारी और स्वास्थ्य-वर्धक होते हैं, लेकिन जब इन्हीं पदार्थों को किसी अन्य विरुद्ध खाद्य-पदार्थ के साथ लिया जाए तो ये फायदे की बजाय सेहत को नुकसान पहुँचाते हैं। ये ही विरुद्धाहार कहलाते हैं।
विरूद्ध आहार क्यों नहीं करना चाहिए (Why we should not eat s Incompatible Foods) :
विरुद्ध आहार का सेवन करने से कई तरह के रोग होने की संभावना रहता है। क्योंकि रस रक्त माँस मेध अस्थि मज्जा शुक्र इन सातों धातुओं को अपना काम नहीं करने देती दूषित करते हैं, दोषों को बढ़ाते हैं तथा मलों को शरीर से बाहर नहीं निकालते।
कई बार आपको कुछ गंभीर रोगों के कारण समझ नहीं आते हैं। आपको लगता है आप सबकुछ तो अच्छा खा रहे है फिर क्यों आपको इतनी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आती है असल में उनका कारण विरुद्धाहार होता है। क्योंकि आयुर्वेद में कहा है कि इस प्रकार के विरुद्ध आहार का लगातार सेवन करते रहने से ये शरीर पर धीरे-धीरे दुष्प्रभाव डालते हैं हमारे शरीर में टॉक्सिन बनने लगते है जिनको न तो हमारा शरीर ऐब्सॉर्ब कर पता है न ही बाहर निकल पते हैं और धातुओं को दूषित करते रहते हैं। अतः विरुद्धाहार कई तरह के रोगों का कारण बनता है। ये विरुद्धाहार अनेक प्रकार के होते हैं, जैसे-
1- देश विरुद्ध आहार :
देश विरुद्ध मतलब अगर आप ड्राइ एरिया मे रह रहे है और उस जगह पर आप बहुत ज्यादा ड्राइ आइटम खाते है तो उसे देश विरुद्ध कहा गया है। नमी-प्रधान स्थानों में नमी वाले, चिकनाई युक्त, ठंडी तासीर वाली चीजों का सेवन करना मना होता है।
2- काल विरुद्ध आहार :
ठंडी के मौसम में ठंडी व रुखी चीजें खाना विरुद्ध आहार माना जाता है जैसे एकदम ठंडी का मौसम हो और आपे ठंडी तासीर की चीजों का सेवन कर रहे हो ऐसे में ये विरुद्ध आहार माना जाएगा । क्योंकि ये आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है ।
3- अग्नि विरुद्ध आहार :
जिनकी अग्नि मंद है भूख नहीं लग रही है एक बार जो खाया उसको पचने में 10 -12 लग जा रहे फिर भी हर दो घंटे पर बिना भूख के कहा रहे है इसे अग्नि विरुद्ध कहते हैं ।
जब आपकी अग्नि मंद है और आप दिन भर खाते रहेगे तब भी ये तो चैनल्स ब्लॉक होंगे तब आपको विरुद्ध आहार के जो भी रोग है सब होंगे
और इसका उलट आपको बहुत भूख है पर आप वजन न बढ़े इसलिए कहना नहीं कहते है तो भी ये विरुद्ध आहार मे आता है
जैसे- मन्द अग्नि वाले व्यक्ति को भारी, चिकनाई युक्त, ठण्डे और मधुर रस वाले या मिठास युक्त भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
4- मात्रा विरुद्ध आहार :
मात्र विरुद्ध मतलब दो ऐसे चीजों जो साथ मे मिल गई तो परेशानी करेगी जैसे शहद और घी बराबर मात्र में लएगे तो आपके शरीर में जहर का काम करेगी ,परन्तु अलग अलग मात्रा में सेवन करना अमृत माना गया है।
5- दोषों की दृष्टि से विरुद्ध आहार
वात-प्रकृति वाले लोगों को वात बढ़ाने वाले पदार्थ और कफ-प्रकृति वाले लोगों को कफ-वर्द्धक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप वत प्रकृतिके है
6- संस्कार विरुद्ध या पाक विरुद्ध आहार :
जैसे कहना बनाते समय जो गलतीय करते है हम वो है संस्कार विरुद्ध \ खट्टे पदार्थों को ताँबे या पीतल के बर्तन में पका कर खाना।nonveg को दही मे मिलकर कहना आदि ये सब हमारे शरीर में टॉक्सिन बनाते हैं । दही को गरम कर्क कहना संस्कार विरुद्ध
शहद और गरम पानी लोग पतले होने के लिए कहते है आपपटले हो जायेगे पर ये आपकी अनकहे मज्जा धातु को खराब कर देगी
भोजन को बार बार गरम करके खाना ये भी संस्कार विरुद्ध में आता है ।
7- वीर्य विरुद्ध आहार :
शीतवीर्य पदार्थों को उष्ण वीर्य पदार्थों के साथ खाना, जैसे – शीतवीर्य संतरा, मौसम्मी, अनानास आदि को दही अथवा लस्सी के साथ सेवन करना। दूध और मछली साथ मे खान य नोनवेग मे मछली कहना उर ची पिन
8-कोष्ठ विरुद्ध आहार
पेट के कई टाइप होते है क्रूर कोष्ठ मृदु कोष्ठ माध्यम कोष्ठ अब किसी का पेट ऐसा हो की पेट साफ करने के लिए स्ट्रॉंग दवा की जरूरत हो पेट साफ करने के लिए परंतु उसे हल्की दवा डी जाए तो उसका पेट साफ नहीं होगा । अगर वो खाएगा तो उसकी बॉडी उलट असर करेगी और कुछ लोगों ऐसे होंगे जिनको हल्की दवा की जरूरत होगी परंतु उसे एकदम स्ट्रॉंग दवाई डी जाए तो ऐसे मे वो दवा उसक लिए कोसठ विरुद्ध का काम करेगी
9 -अवस्था विरुद्ध आहार :
अवस्थ विरुद्ध मतलब आपके शरीर कैसा है मोठे है पतले है मदद्धीयम है अगर किसी मोठे व्यक्ति को भैंस का दूध रोज पिलाया जाए तो ये उसक लिए नुकसान देय है । और विरुद्ध आहार का काम करेगा क्योंकि आपके शरीर में ये नुकसान ही करेगा। य फिर आजकलटरएण्ड्स है मिलेट्स का कोई दुबला पतला व्यक्ति सिंगगल हड्डी स कहे की मिलेट्स बहुत अच्छा है मई मिलेट्स खाऊँगा तो ये उसके लिए बहुत नुक्सानदेय है । जैसे- अधिक चर्बी वाले अर्थात् मोटे व्यक्तियों द्वारा चिकनाई युक्त पदार्थों (घी, मक्खन, तेल आदि) का सेवन तथा कमजोर मनुष्यों द्वारा रूक्ष और हल्के (लघु) पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
10 -क्रम विरुद्ध आहार :
क्रम विरुद्ध मतलब अगर आपको मोशन आया है पेसम जाना है य मलत्याग करना है परंतु कोई कहे खान न ठंड हो जाए य फिर कहना का टाइम निकल जाएगा इसलिए आप भोजन करने चले जाते है ऐसे मीन आप जो काम पहले करना था उसे न करके भोजन करने चले गए तो ये क्रम विरुद्ध है क्योंकि बिना शरीर को साफ किए भोजन करना आपके सेहत के लिए हानिकारक है और विरुद्ध आहार में आएगा
11 परिचार विरुद्ध य औपचार :
परिचर विरुद्ध मतलब घी खाकर ठंड पनि पियते है तो ये परिचर विरुद्ध होगा । कीकी आयुर्वेद में घी खाकर गरम पनि पीने के लिए कहा गया है क्योंकि तभी घी का पाचन होगा अगर ठंड पनि पिएगे तो ये आपको नुकसान करेगा ।
12- निषेध की दृष्टि सेविरुद्ध आहार
कुछ विशेष पदार्थों के सेवन के बाद उनके कुप्रभाव से बचने के लिए किसी अन्य विशेष पदार्थ का सेवन अवश्य करना चाहिए या उसके बाद किसी पदार्थ का सेवन एकदम नहीं करना चाहिए। इस नियम का उल्लंघन करना निषेध की दृष्टि से विरुद्धाहार है। जैसे- घी के बाद ठण्डे जल आदि पदार्थों का सेवन करना, जबकि घी के बाद गर्म जल या गर्म पेय लेने का नियम है। गेहूँ व जौ से बने गर्म भोजन के साथ ठण्डा पानी पीना, भोजन के पश्चात् व्यायाम करना, इत्यादि।
14 – संयोग की दृष्टि से विरुद्ध आहार
कुछ पदार्थों को एक-साथ या आपस में मिला कर खाना संयोग की दृष्टि से विरुद्धाहार है, जैसे खट्टे पदार्थों को दूध के साथ खाना, दूध के साथ तरबूज व खरबूजा खाना, दूध के साथ लवण युक्त पदार्थों का सेवन करना।
15- रुचि की दृष्टि सेविरुद्ध आहार
अच्छे न लगने वाले भोजन को विवशता से तथा रुचिकर भोजन को भी अरुचि से खाना।
इन सभी प्रकार के विरुद्ध आहारों के उदाहरण यहाँ प्रस्तुत किए जा रहे हैं-
इस तरह से विरुद्ध आहार को लेकर आयुर्वेद में बहुत सारी बीमारियाँ बोली गई हैं
acidity चरम रोग से लेकर बाल झड़ना नपुंसकता आदि बहुत सारे रोग विरुद्ध आहर की वजह से होते है
विरुद्ध आहार खाने वाले लोगों को नसंतन नहोने की परेशानी भी आती है .पेट की बीमारी नाक से पतला पनि स्किन की परेसानी आदि
विरुद्ध आहार का किनको असर नहीं होता है
कुछ लोगों के बारे में कहा गुय है विरुद्ध आहार का असर नहीं होता तो जो लोग बहुत लंबे समय से खा रहे उनके दादा परदादा और भी गेनरटीऑन बहुत पहले से दूध केसाथ नामक य इस तरह के विरुद्ध आहार कहती या रही है तो उनकी बॉडी उसक लिए आदि हो गई है उनको इस तरह के विरुद्ध आहार का असर देखने को नहीं मिलेगा ।
जो लोग बहुत कम मात्र में विरुद्ध आहार कहते है तो उनको कोई तकलीफ नहीं क्योंकी मात्र इतनी कम होती य फिर महीने में एक य दो बार किरुद्ध आहार कहते है तो उनपर विरुद्ध आहार का बहुत कुछ खश असर नहीं होता य फिर जिसकी अग्नि बहुत अच्छी है जिनका [पाचनशक्ति बहुत अच्छी है कुछ भी खाएँ पचा लेते है तो उनके शरीर पर विरुद्ध आहार का कोई असर नहीं होता है ।
टीनैजर जो होते है वो दिन भर कुछ न कुचज कहते रहते है पर उनको कुछ नहीं होता क्योंकि उनकी शरीर ग्रोव कर रही है तो उनका मेटबालिक रेट इतना हाई रहता है की वो कुछ भी खाएँ पाच जाता है
जिनकी बओडुय जिकनी है उनको भी विरुद्ध आहार का कोई नुकसान नहीं होता
जो लोग बहुतज्यादा व्यायाम कर रहे है उनपर भी विरुद्ध आहार का असर नहीं होता
एक रेसर्च के अनुसार पूरे विश्व में 30 से 40% की जनसंख्या चर्म रोग की तरफ जाने वाली है विरुद्ध आहार की वजह से ।
आयुर्वेद में कहा गया है की 24 घंटे मे 2 बार खान कहना बहुत भूख लगी है तो तीन बार खाओ
व्यायाम की रोज आदत डालिए
खाने में मूंग की भाजी परवल की भाजी और देसी घी को ऐड करिए तो विरुद्ध आहार के बहुत से साइड इफेक्ट कम किए जा सकते हैं
किन चीजों के साथ क्या नहीं खाना चाहिए? (Food Combinations to Avoid) :
दूध के साथ विरुद्ध आहार
दही, नहीं खाना चाहिए, नमक, मूली, मूली के पत्ते, अन्य कच्चे सलाद, सहिजन, इमली, खरबूजा, बेलफल, नारियल, नींबू, करौंदा,जामुन, अनार, आँवला, गुड़, तिलकुट,उड़द, सत्तू, तेल तथा अन्य प्रकार के खट्टे फल या खटाई, मछली आदि चीजें ना खाएं।
दही के साथ विरुद्ध आहार
खीर, दूध, पनीर, गर्म पदार्थ, व गर्म भोजन, खीरा, खरबूजा आदि ना खाएं।
खीर के साथ विरुद्ध आहार
कटहल, खटाई (दही, नींबू, आदि), सत्तू, शराब आदि ना खाएं।
शहद के साथ:
घी (समान मात्रा में पुराना घी), वर्षा का जल, तेल, वसा, अंगूर, कमल का बीज, मूली, ज्यादा गर्म जल, गर्म दूध या अन्य गर्म पदार्थ, शार्कर (शर्करा से बना शरबत) आदि चीजं ना खाएं। शहद को गर्म करके सेवन करना भी हानिकारक है।
ठंडे जल के साथ-
घी, तेल, गर्म दूध या गर्म पदार्थ, तरबूज, अमरूद, खीरा, ककड़ी, मूंगफली, चिलगोजा आदि चीजें ना खाएं।
गर्म जल या गर्म पेय के साथ-
शहद, कुल्फी, आइसक्रीम व अन्य शीतल पदार्थ का सेवन ना करें।
घी के साथ
समान मात्रा में शहद, ठंडे पानी का सेवन ना करें।
खरबूजा के साथ-
लहसुन, दही, दूध, मूली के पत्ते, पानी आदि का सेवन ना करें.
तरबूज के साथ–
ठण्डा पानी, पुदीना आदि विरुद्ध हैं।
चावल के साथ–
सिरका ना खाएं।
नमक-
अधिक मात्रा में अधिक समय तक खाना हानिकारक है।
उड़द की दाल के साथ–
मूली ना खाएं।
केला के साथ-
मट्ठा पीना हानिकारक है।
घी-
काँसे के बर्तन में दस दिन या अधिक समय तक रखा हुआ घी विषाक्त हो जाता है।
दूध, सुरा, खिचड़ी-
इन तीनों को मिलाकर खाना विरुद्धाहार है। इससे परहेज करें.
खिचड़ी के बाद दूध नहीं खाना चाहिए
आहार
दूध के साथ फल मिल्क शेक
अक्सर लोग दूध के साथ फल लेकर कहते हैं जैसे स्ट्रॉबेरी डाल लिए केला डाल लिए और भी कई तरह के फल डालकर शेक की तरह बनाकर पीते हैं ये चीजें आपके शरीर में विरुद्ध आहार का काम करता है कफ और पिट को बिगड़ता है रक्त और मज्जा धातु को खराब करता है आँख और ब्रेन को खराब करता है
चाय चपाती
चाय बिस्कुट दूध और चपाती के अंदर दूध नमक ये सब डालते है नमकीन के साथ चाय पीते है तो ये भी विरुद्ध आहार है और हमारे स्किन से लेकर नाखून तक बहुत सी बीमारी कर्ता है
दही के साथ नोनवेज
दही मे साथ चिकन बनाकर खात है दही में मैरनेट कर्के माँस खाते है ये सब चीजें आपके शरीर में विरुद्ध आहार का काम करती है इससे आपकी माँस धातु खराब होगी और शरीर में गाँठे बनने लगती है
दही और उरद का बड़ा
जो लोग दही बड़ा खाते हैं ये अच्छा नहीं है
दही के साथ केला य दहीके साथ दुध ये सब विरुद्ध आहार के अंदर आता है ।
जिम में व्यायाम करके तुरंत ठंडा पानी भी विरुद्ध व्यवहार है ये आपके धातुवों को खराब करेगा |
रात के खाने में दही विरुद्ध आहार है
सत्तू के साथ खीर खाना विरुद्ध आहार है
विरुद्ध आहार एवं उनसे होने वाले रोग :
जो लोग ऊपर लिखित विरुद्ध आहारों का सेवन करते रहते हैं, उनके धातु, दोष व मल आदि विकृत हो जाते हैं। वे निम्नलिखित अनेक प्रकार के रोगों का शिकार हो सकते हैं :
- चर्मरोग
- फूड पॉयजनिंग
- नपुंसकता
- पेट में पानी भरना
- बड़े फोड़े
- भगन्दर
- डायबिटीज
- पेट से जुड़ी बीमारियां
- बवासीर
- कुष्ठ,सफेद दाग
- टीबी
- जुकाम