पहले के समय मे हर किसी के घर मे नीम की बाबुल के दातुन किए जाते थे । परंतु टूथ्पैस्ट कॉम्पनियों ने हमारे जो पारंपरिक दंतमंजन थे उनको पूरी तरह से हत्या दिया
इतना fantacy दिखाया जिस जाल मे हम फँसते चले गए नीम की दातुन राख इन सबको पूरी तरह से भूल गए नतीजा क्या हुआ छोटे छोटे बच्चों तक के दांत खराब होने लगे है
इतना fantacy दिखाया जिस जाल मे हम फँसते चले गए नीम की दातुन राख इन सबको पूरी तरह से भूल गए नतीजा क्या हुआ छोटे छोटे बच्चों तक के दांत खराब होने लगे है
नीम के दातुन एंटी bacterial antiseptic प्रॉपर्टी होती है अगर हम हफ्ते मे दो बार भी बस नीम का दातुन कर ले तो हमे ओरल इशू नहीं होगा
हमारे मसूढ़े को स्वस्थ रखती है दांतों मे किसी तरह की सड़न नहीं होने देगा । कैविटी सेन्सिटिविटी नहीं होती ।
नीम का दातुन प्राकृतिक टीथ व्हाइटनर होता है अगर बकटीरिया है हमारे मुह में बदबू आती है
इ समे नीम का दातुन बहुत ही अच्छा काम करता है और आज जीतने भी कैंसर हो रहे है उन्मे आप देखेंगे ओरल कैंसर का नाम भी आता है
तो अगर आप नीम का दातुन उपयोग करते है तो ये आपको ओरल कैंसर से भी बचत है । इसकी एंटी माइक्रोबीअल प्रॉपर्टी की वजह से ओरल कैंसर की संभावन न के बराबर हो जाते हैं
तो अगर आप नीम का दातुन उपयोग करते है तो ये आपको ओरल कैंसर से भी बचत है । इसकी एंटी माइक्रोबीअल प्रॉपर्टी की वजह से ओरल कैंसर की संभावन न के बराबर हो जाते हैं
टूथ्पैस्ट करना है तो कीजिए पर हफ्ते मे दो य तीन बार नीम का दातुन जरूर कीजिए
यकीन मानिए ये आपके ओरल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी हमारे बुजुर्ग लोग यही करते थे 90 की उम्र तक उनक दांत स्वस्थ रहते थे ।