Winter foods and routine for good health
आयुर्वेद में साल को दो भाग में बाँटा गया है एक विसर्गकाल है दूसरा आदानकाल .उनमे से संकृत शब्द विसर्ग का मतलब होता है देना . आयुर्वेद के अनुसार जब वर्षा ऋतू सुरु होती है उस समय से विसर्ग काल सुरु होता है . १५ नवम्बर के बाद से हेमंत ऋतू शुरू हो जाती है जिसे साधारण भाषा में हम सर्दियों कका मौसम और विंटर सीजन कहते है आयुर्वेद के अनुसार यह सर्वश्रेष्ठ समय है हमारे स्वस्थ्य के लिए बॉडी बिल्डिंग के लिए वजन बढाने के लिए या फिट रहने के लिए ये सबसे अच्छा टाइम है ये नवम्बर से लेकर मार्च के मध्य तक ये ऋतू चलेगी आयुर्वेद के अनुसार चार महीने में दो ऋतू आती है पहली हेमंत और दूसरी शिशिर ऋतू ये इनका संस्कृत नाम है.
ये तो हो गई मौसम के बारे में जानकारी अब बात करते है की ठंदियों के मौसम में क्या खाना चाहिए हमारे खाने की थाली कैसे होनी चाहिए .और किस तरह की दिनचर्या होनी चाहिए ये सब जानकारी इस आर्टिकल में हम आपको देगे
ठण्डीयों में कैसा खाना खाएं
इस समय हमारे शारीर में बल बहुत होता है .इस समय ठंडी के कारण हमे भूख बहुत लगती हैं ठंडी के मौसम की वजह से हमारे पोर्स रोमछिद्र बंद हुए रहते है तो हमारे शरीर की गर्मी बॉडी के अंदर बनी रहती है जिससे हमारी पाचन अग्नि तेज बनी रहती है इसलिए कहा गया है की ठंडी में कुछ भी खाए पच जाता है आयुर्वेद में सीजन के हिसाब से बताया गया है क्या खाना चाहिए क्या नही.मौसम के हिसाब से हमे हमरा खान पान भी बदलते रहना चाहिए . हेमंत और शिशिर ये जो चार महीने हैं इस महीने में ठंड मे पाचन बहुत तेज हो जाती है.
खाने में क्या क्या खाये
ये मौसम खाने के लिए सर्वश्रेष्ठ समय है आपको जो भी पसंद है जितना खाने का मन है खा सकते है .भारी खाना भी आराम से खा सकते है पच जाता है इस हेमंत और शिशिर ऋतू नवम्बर से लेकर फरवरी तक का समय ऐसा जिसमे जितना भारी खाना खायेगे उतना सही है .इस मौसम में कोई हल्का खाता है या उपवास करता है तो हमारे शारीर की अग्नि तेजहोने की वजह सेपाचन बहुत तेज होने की वजह से हमरे शारीर की धतुवो का ही खाना शुरू कर देगी .इस मौसम में अग्नि तेज होती है इसलिए भरी खाना खाना चाहिए
आयुर्वेद कहता है ठंडियों के मौसम में खाने की शुरुवात मीठा से करना चाहिए jaggery gud health benefits.इस मौसम में सभी दूध के पदार्थ अच्छा है खाने में क्योकि वो ज्यादातर पचने में भारी होते है जैसे पनीर राबड़ी मलाई ये सभी भरी चीजें आप खा सकते है जो भी नेचुरल मीठा आप जानते है वो खा सकते है गुड के पदार्थ इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा खाना चाहिए गुड की मिठाई हलवा लड्डू सब मीठे पदार्थ इस मौसम में खाना चाहिए.jaggery gud health benefits
ठंडियों में सभी खट्टी चीजें आपको खानी चाहिए खट्टी चीजों में दही हो सकता है इस मौसम में दही जरुर खाइए दही में शहद मिलाकर खाने से दही से होने वाली तकलीफ दूर हो जायेगे .जिनको दही से तकलीफ नही होती वो इसमें मिश्री या शक्कर मिलाकर खा सकते है दही मे मुंग का बड़ा मिलाकर खाया जा सकता है
सभी खट्टी चीजें नामक की चीजें इनको इस मौसम में खाना चाहिए मीठा खट्टा नमक इस मौसम में खाना चाहिए तीखा कडवा कसैला ये सब स्वाद की चीजें थोड़ी कम खानी है .इस मौसम में आवला बहुत आता है आयुर्वेद में ऐसा कहा गया है की आवला एक ऐसे दवा है जो पापहर है .जो व्यक्ति आवले को स्किन पर लगाता है उसको कभी चर्म रोग नही होता है .आवला बुढ़ापा रोकने वाली सबसे अच्छी दवा है .बुढ़ापा रोकने वाली सभी दवाइयों में आवला सर्वश्रेष्ट है .
गेहूं ज्वर और मक्का इन तीनो की रोटी इस सीजन में आराम से बनाकर खा सकते है खाशकर की गेहू ये पचने में गुरु मतलब भारी कहा गया है .इस मौसम में गेहू की रोटी या फिर पराठा बनाकर खाना अच्छा माना गया है
दालों में मूंग और उड़द सर्वश्रेष्ठ है .उड़द बहुत भारी है पचने में इसलिए इस मौसम में उड़द खाने का सही समय है .अगर आदमी लोगो को खाना हैउड़द तो उसको घी में भुन कर दूध में पकाकर खाना चाहिए ये बहुत बलवर्धक है .औरतों के लिए तेल में पकाकर खाने के बहुत फायदे है
कंद में आलू सुरन अरवी गाजर अदरक चुकंदर गीली हल्दी ऐसी बहुत सारे कन्द इस मौसम में मिलते है और आप मजे से खा सकते हैं इन्हें
इस सीजन में फल भी खा सकते है आयुर्वेद में फल खाने का सही टाइम भोजन से पहले है इस मौसम में आने वाले फल जैसे अंगूर सेव आलू बुखारा नारियल मीठा संतरा चीकू अन्नानास फालसा या फिर आंवला . आपको अपने थाली में में इनमे से एक फल जरुर रखना चाहिए .इनमे अवला एक ऐसा फल है जिसे आप खाने से पहले या बाद या बिच में कभी भी खा सकते है.
तिल health benfits of til (sesame seed) इस मौसम में तिल खाना चाहिए जैसे तिल का लड्डू भी खा सकते हैं, पिने के लिए गरम पानी सर्वश्रेठ है इस मौसम में .जिनको वजन कम करना है राइस वाटर कांजी ले सकते है गरम पानी ले सकते है बहुत अच्छा है मूंग का पानी ले सकते है इस मौसम में दाल का पानी सूप ये सब अच्छी है .health benfits of til (sesame seed)
ठंदियों में शारीर को ढक के रखना चाहिए दस्ताने और मोज़े पहनकर रखना चाहिए.कान को ढक कर रखना चाहिए
ईस मौसम में क्रैक की समस्या बढ़ जाती है त्वचा फटने लगती है . ज्यादा ठंडी के कारन हाथ में पैर में होठ पर क्रैक पड़ने लगते हैं .इसलिए ऐसा कहा जा सकता है की ठण्ड के मौसम में वायु VAAT PRAKRITI का प्रकोप होता है ,इसलिए वायु से बचने के लिए आयुर्वेद में कुछ नियम है उसका पालन हमे करते रहना चाहिए
अभ्यंग
व्यायाम
उबटन
गरम पानी से स्नान
अभ्यंग(तेल मालिश)
पहला नियम वायु का स्वाभाव रुखा है इसलिए ठंडी के मौसम में dryness अति हैउसकी वजह से क्रैक होना बाल ड्राई होना आदि परेसानी आती हैं .और वायु की सर्वश्रेष्ट दवा तेल है तेल वायु की सबसे अच्छी दवा है वायु से ८० से ज्यादा रोग हो सकता है क्रेक्स होना कई सारे जॉइंट्स पेन होना पैरालिसिस मस्कुलर पेन मस्कुलर डिसऑर्डर होना कब्जियत होना ये सब डिसऑर्डर वायु में आते है हमे शर्दियों में अगर स्वस्थ रहना है तो रोज शरीर पर अभ्यंग और तेल मालिश करना चाहिए क्योकि हमारे शारीर में सबसे बड़ा कोई ऑर्गन है तो वो स्किन है . जो व्यक्ति रोज तेल लगाता है उस व्यक्ति को बुढ़ापा नही आता या बुढ़ापे के रोग उसको जल्दी नही होते मतलब उम्र बढने के रोग नही होते . homemade winter cold cream for dry skin कुछ लोग शरीरीक कम करते है कुछ लोग मानसिक काम करते है .मालिश करने से शारीरिक और मानसिक काम करने से जो थकन है वो आपको नही होगी ८० से ज्यादा जो भी बीमारियाँ है वो सब नही होगा अगर आप रोज शरीर पर तेल लगाते हैतो आंखें भी भुत अच्छी होती है .आँखों के लिए तलवे पर तेल लगाना चाहिए आप जब तक जिन्दा है स्वस्थ रहेगे आपकी बॉडी मजबूत रहेगी नींद अच्छी आएगी त्वचा homemade winter cold cream for dry skin का रंग अच्छा होगा और आप मजबूत बने रहोगे . इस मौसम में स्नान से पहले आपको तेल लगाना चाहिए .विंटर में ठंडी ज्यादा पडती है इस्लिय्रे तिल का तेल लगा सकते है बहुत से लोगो मो ठंडी में भी गर्मी लगती है इसे लोगो को नारिया तेल का उपयोग करना चाहिए .
उबटन
जो आयल लगाये है उसे साफ़ करने के लिए उबटन करे तो बेस्ट है आप साबुन से भी नहा सकते है पर उबटन बहुत अच्छा होता है उबटन करने से जो भी मोटे लोग है उनकी चर्बी को कम करता है.एक्स्ट्रा चर्बी को कम करता है इसलिए रोज उबटन करना चाहिए अगर आपको अपनी त्वचा की चमक बढाना है तो आपको रोज उबटन जरुर करना चाहिए तेल लगाने के बाद
व्यायाम
ये जो चार महीने का सीजन है इसमें व्यायाम जरुर करना चाहिए इस समय हमारा बल भुत ज्यादा रहता है इसलिए ये सबसे अच्छा टाइम है बॉडी बनाने के लिए इस टाइम जितना भी व्यायाम करेगे तो थकेगे नही इसलिए .बॉडी बनाने के लिए अच्छा समय है इस मौसम में व्यायाम करना चाहिए व्यायाम करने से शारीर के अन्दर ताप बढ़ता है और पित्त बढ़ जाता है .इसलिए वायु और कफ कम होता है इस मौसम में हम सब कुछ भारी खाते है इसलिए व्यायाम करना जरूरी है ताकि चर्बी न बढ़े इसलिए व्यायाम जरूरी है
गरम पानी या गुनगुने पानी का सेवन
ठंडियों में गरम पानी या गुनगुने पानी से नहाना चाहिए .कभी भी गरम पानी सर पर से नही नहाना चाहिए वरना आपके चश्मे का नंबर बढ़ जायेगा बाल झड़ने लग जायेगा .हमेसा कंधे से गर्म पानी से स्नान करना चाहिए अगर सर पे ठंडा पानी नही डाल सकते तो शारीर के तापमान के जितना गर्म पानी ही सर पर डाल सकते है.पिने के लिए गरम पानी का सेवन करना चाहिए
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ठण्डीयों में कैसा खाना खाएं ?
ये मौसम खाने के लिए सर्वश्रेष्ठ समय है आपको जो भी पसंद है जितना खाने का मन है खा सकते है .भारी खाना भी आराम से खा सकते है पच जाता है. जितना भारी खाना खायेगे उतना सही है. आयुर्वेद कहता है ठंडियों के मौसम में खाने की शुरुवात मीठा से करना चाहिए .
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सर्दियों में मीठा में क्या क्या खा सकते हैं ? .
इस मौसम में सभी दूध के पदार्थ जैसे पनीर राबड़ी मलाई ये सभी भारी चीजें आप खा सकते है नेचुरल मीठा आप खा सकते है गुड के पदार्थ इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा खाना चाहिए गुड की मिठाई हलवा लड्डू सब मीठे पदार्थ इस मौसम में खाना चाहिए.jaggery gud health benefits
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सर्दियों में कौन सी रोटी खानी चाहिए ?
गेहूं ज्वार और मक्का इन तीनो की रोटी इस सीजन में आराम से बनाकर खा सकते है खाशकर की गेहू ये पचने में गुरु मतलब भारी होता है .
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सर्दियों में कौन सी दाल खानी चाहिए ?
दालों में मूंग और उड़द सर्वश्रेष्ठ है