बारिश के मौसम में खराब पाचन क्यों होता है और कैसे ठीक करे? Ayurvedic Home Remedy For Indigestion
बारिश का मौसम आते ही पाचन तंत्र गड़बड़ होने लगता है । हमारा diegestion अच्छे से नहीं होता कुछ भी खाने पिने काअ मन नहीं करता है । पूरी गर्मी खुल केबहूख लगती थी पर अचानक से ऐसा क्या हो जाता है बारिश में की भूख ही नहीं लगती है । क्यों हमारा पेट खराब हो जाता । ऐसा लगता है जो कहना खाया वो वैसे ही पड़ा है पेट मे । आइए जानते हैं इसका कारण बरसात मे होने वाली बीमारी और उनकी रोकथाम |rainy season disease
क्यों होती है पाचन गड़बड़ बारिश के मौसम में
आयुर्वेद मे वर्ष ऋतु को वात बढ़ाने वाल मौसम कहा गया है और वात जब शरीर में ज्यादा बढ़त है तो बहुत तरह की बीमारी होती है । जब हमारे शरीर में वात का प्रकोप होता है तो हमारी अग्नि विषम हो जाती है ।viruddh aahar|wrong food combination |
हमारी पाचन अग्नि 4 तरह की होती है विषम अग्नि तीव्र अग्नि सम अग्नि मंद अग्नि
विषम अग्नि
विषम अग्नि तब होती है जब हमारे शरीर में वात का प्रकोप होता है विषम अग्नि में क्या होता है कभी बहुत ज्यादा भूख लगती है कभी कम एकदम कुछ भी खाने का मन नहीं करता है भोजन की तरफ देखने का भी मन नहीं करता है।यह अग्नि कभी तो भोजन को पचा देती है और कभी नहीं पचाती है। बरसात मे होने वाली बीमारी और उनकी रोकथाम |rainy season disease श्रावण भाद्रपद मे कैसे हो दिनचर्या और खान पान जानिए शुद्ध आयुर्वेद|Best ayurveda diet plan for Rainy season
तीव्र अग्नि
तीव्र अग्नि तब होती है जब पिट बढ़ता जा जब मंद अग्नि तीव्र होती है तो बहुत जल्दी जल्दी भुजख लगती है कुछ भी खाये सब पाच जाता है
मंद अग्नि
मंद अग्नि तब होती हैजब कपफ दोष हमारे शरीर में बढ़ जाता है तब हमारी अग्नि मंद हो जाती है कुछ भी खाने का मन नहीं करता है थोड़ा स भी कहा ले वो लगता है पेट में वैसे हिपद हुआ पाचन नहीं होता उसका जौ के फायदे आयुर्वेद के अनुसार । barley health benefits
सम
सम अग्नि तब होती हाइओ जब तीनों दोष बैलन्स हो समय से भूख लगे समय से पाचन होत हसी
अब वर्षा ऋतु में वात का प्रकोप ज्यादा होता है जिसकी वजह से हमारी पाचन अग्नि विषम हो जाती है मंद हो जाती है और खान पचता नहीं है खट्टी डकार आने लगती है कुछ भी कहा ले तो बलोटींग हो जाती है पेट फूल जाता है । अरुचि हो जाती है खाने में । एक अंगूर सौ रोगों की दवा | grapes health benefits|angur ke fayde aur nuksaan
तो अब पाचन खराब हो गया हैतो क्या करें उसका लिए। सबसे पहले आपकाअ जो वात दोष बढा है उसे कंट्रोल करिए जी है जब तक वात दोष को कंट्रोल नहीं करेगे आपका पाचन तंत्र ठीक नहीं होगा गेहू की रोटी के फायदे (आहारशास्त्र )|wheat flour benefits
आइए जानते हैं वात को कंट्रोल करने के लिए क्या क्या उपाय कीये जा सकते है जिससे हमारा digestion सही हो सके । हमारी डिजेस्टिव फायर कैसे अच्छी होगी । रागी के फायदे और नुकसान – Finger Millet amazing health Benefits
व्रत लंघन
उसक लिए एक उपाय है व्रत । जी हा व्रत जिसे आयुर्वेद में लंघन कहा गया है इस मौसम में व्रत का सिस्टम पहले से ही बनाया गया है क्योंकि हमारे पूर्वज जानते थे हमारे स्वास्थ्य के लिए भी व्रत अवश्यक है इस मौसम में । अगर दिन भर खाने की आदत है आपको तो उसे बंद करिए पूरा दिन कुछ न कुछ कहते रहने से बचे समय से दो टाइम ही भोजन करें घर पर बनाइये आर्गेनिक शुद्ध कफ सिरप:homemade cough syrup
दिन में सोने से बचें
बहुत से लोगों की आदत होती है दिन में सोने की और बारिश का मौसम भी ऐसा होता है गर्मी के बाद अचानक से मौसम अच्छा होता है तो नींद बहुत अच्छी आती है दोपहर में परंतु बारिश के मौसम में सोना आपके पाचन के लिए अच्छा नहीं है इससे बचें । indiegestion|खराब पाचन को ठीक करने की सबसे अच्छी दवा
वर्ष ऋतुचर्या डाइट
इस मौसम में डाइट का विशेष ध्यान दे वर्षा ऋतुचर्या पे मैंने पूरा विडिओ और आर्टिकल लिखा है आप उसे र चेक कर सकते है । इस मौसम में स्निग्ध उष्ण और खट्टी नमकींन चीजें अपनी डाइट में रखिए
छाछ
अगर आपकी अग्नि मंद है तो आप छाछ जिसे तक्र भी कहा गया है इसे आप डेली भोजन करने के उपरांत ले सकते है । दही को मथ लीजिए उसमे से बटर निकाल दीजिए बस हो गया आप बटर मिल्क तक्र या छाछ जो भी आप कहते है । इसे आप रोज 10 से 150 मल तक ले सकते है । इसको और भी ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए इसमें आप सोंठ पिप्पली पाउडर य त्रिकटु पाउडर मिलकर पी सकते है इसमे आप भुना जीरा और धनिया का पाउडर भी मिला सकते है आपकी भूख बढ़ाएगा आपका पाचन अच्छा होगा और खुलकर भूख लगेगी
खान खाने से पहले हरड़ पाउडर 1\4 चम्मच दो से तीन चुटकी सोंठ और सेंधा नामक डालकर भोजन करने से पहले आप ले सकते है । सोंठ और हरड़ गरम है नेचर में ये आपके अग्नि को बढ़ाने में मदद करेगी ।
अचार
इस मौसम में आचार का सेवन जरूर करे ये अग्नि दीपन का काम और भूख लगने का काम करते हैं ।
सौंफ, सोंठ, सेंधा नमक, काला नमक, हिंग, पिप्पली सभी को समान मात्रा में लेकर कूट कर पीस कर छानकर इस चूर्ण में पुराना गुड मिलकर गोली बना लें इन गोलियों के सेवन से वायु से उत्पन्न हुआ विषमअग्नि रोग दूर होता है। इन गोलियों को गरम जल के साथ सेवन करना चाहिए
इसके अतिरिक्त आप चावल का जो माड निकलता है उसमें हिंग कला नामक मिलकर गरम गरम पीने से विषमअग्नि ठीक होती है
सोंठ का चूर्ण घी मे मिलकर चाटने और ऊपर से गरम जल पीने से भी भूख बढ़ती है
रोज भोजन से पहले छिली हुई अदरक और सेंधा नामक लगाकर खाने से भूख बढ़ जाती है और जीभ और गला साफ होता है
मोठ की दाल मंदअग्नि और ज्वार नाशक होती है
आज के इस अररतिकल में बस इतना ही आप इनमे से कोई भी रेमिडी उपयोग कर सकते है .