ल्यूकोरिया की आयुर्वेदिक दवा| leukorrhea ka ghrelu ayurvedic upchar

leukorrhea जिसे श्वेत प्रदर white discharge आदि नामों से जाना जाता है| यह सामान्य तौर पर माहवारी से पहले और बाद में महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है |इसमें महिलाओं के योनी से सफ़ेद चिपचिपा गाढ़ा दुर्गन्धयुक्त पानी निकलता है |जो की कभी कभी गाढ़ा मटमैला पिला स्त्राव भी होता है जो की योनी या गर्भाशय से सम्बंधित किसी बीमारी या इन्फेक्शन की वजह से भी हो सकता है |

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लिकोरिया leukorrhea | white discharge

योनी मार्ग में गर्भाशय के अन्दर जो श्लेष्मिक झिल्ली होती है उस झिल्ली के निचे बहुत सारे छोटे छोटे ग्लैंड्स होती है |जो तरल पदार्थ को निकालती रहती हैं उस तरल पदार्थ की वजह से हमें अन्दर dryness नहीं महसूस होता है |एक गीलापन महसूस होता है |लकिन अगर ये तरल पदार्थ ज्यादा निकलने लगे तो ये leukorrhea में तब्दील हो जाता है | white discharge होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि ये आपके शरीर से हानिकारक बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करता है। साधारणतया योनी स्त्राव से अपनी सफाई करती है परेसानी तब होती है जब ये स्त्राव ज्यादा बढ़ जाता है |

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आइये जानते हैwhite discharg leukorrhea कितने तरह के होते क्या लक्षण क्या कारण है इनके और इनको हम घरेलू उपायों से कैसे ठीक कर सकते हैं |

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ल्युकोरिया (white discharge ) कितने प्रकार का होता है |types of leukorrhea

लुकोरिया तिन तरह का होता है |

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सफ़ेद स्त्राव( white discharge )

सफ़ेद स्त्राव हमारे गर्भाशय के आतंरिक अंगो से निकलकर बाहर आता है |

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मटमैले रंग का स्त्राव ( brown discharge)

पीले मटमैले से रंग का स्त्राव निकलकर बाहर आता है तो वो गर्भाशय में किसी तरह के गाँठ का संकेत देता है और आपको सतर्क रहने की जरूरत है| समय रहते इलाज कराएँ और डॉक्टर से संपर्क करें |

गाढ़ा रक्त मिश्रित स्त्राव ( thik blood mix brown discharge )

मटमैले से रंग का रक्त के साथ मिलकर बहर निकलता है तो इसका मतलब है अंदर कैंसर या फिर गांठ की स्थिति बन गई है |

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और यह स्त्राव बहुत बदबूदार होता है इसमें हमें लापरवाही एकदम नही करनी चाहिए तुरंत डॉक्टर से जाँच कराना चाहिए

अगर योनी से पतला ट्रांसपेरेंत स्त्राव आ रहा हो तो उसकी बहुत ज्यादा चिंता की जरुरत नही है परन्तु इलाज करना उसका भी जरुरी है |ज्यादा समय तक ये समस्या उत्पन्न कर सकता है

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लिकोरिया के लक्षण |symptoms of white discharge

  • चेहरा कांतिहीन होना
  • आँखों के निचे काले घेरे हो जाना
  • कमजोरी होना
  • हाथ पैर और कमर में दर्द होना
  • थोड़ा-सा मेहनत करने पर भी आंखों के सामने अंधेरा छा जाना एवं कभी-कभी चक्कर आना।
  • पिंडलियों में खिंचाव एवं शरीर भारी रहना।
  • सर दर्द होना चक्कर आना
  • रक्त हीनता होना
  • भूख ना लगना एवं जी मिचलाना।
  • योनिमार्ग में तीव्र खुजली एवं चुनचुनाहट होना।
  • कामेच्छा कभी बढ़ जाना कभी कम हो जाना
  • depression की संभावना हो जाना
  • यूरिनल पार्ट में खुजली होना,
  • चक्कर आना
  • चिड़चिड़ापन रहना।

लेउकोरिया में कितना डिस्चार्ज होना सामान्य |महिलाओं में लिकोरिया क्यों होता है?

व्हाइट डिस्चार्ज होना सामान्य है परन्तु कितनी मात्र में dischaarg सामन्य है ये जानना आवश्यक है | प्रतिदिन अगर किसी स्त्री को 1 से 5 मिलीलीटर यानि एक चम्मच के बराबर सफेद पानी या स्राव ( white Discharge) होता है तो उसे सामान्य माना जाता है। स्राव का गाढ़ापन महिलाओं में अलग-अलग हो सकता है और यह इस बात पर निर्भर करता है की आपका मासिक चक्र कौन से स्टेज पर है । मासिक चक्र की अवधि के दिनों पर कभी यह बहुत पतला तो कभी बहुत गाढ़ा हो सकता है |

लुकोरिया होने के कारन | Reason of leukorrhea

  1. अस्वच्छता योनी की सफाई न करना
  2. जब हम स्नान करते है तो उस समय योनी की अच्छे से सफाई करनी चाहिए जब हम अच्छे से सफाई नही करते तो वहां इन्फेक्शन होने की संभावना होती और साफ सफाई न होने से खुजली होने लगती है और खुजली करने से घाव सुजन हो जाती है इसलिए उसकी सफाई रखना जरूरी है .
  3. जो लोग बहुत ज्यादा मिर्च मसाला खाते हैं तीखी चीजे खाते है खट्टी चीजें खाते है या नॉन वेज खाते है जो लोग गरिष्ट पदार्थ खाते है .उइसकी वजह से भी लुकोरिया श्वेत प्रदर की परेसानी होती है
  4. तनाव एवं अत्यधिक शारीरिक श्रम करने के कारण।
  5. ज्यादा सेक्स से भी इस तरह की परेशानी का सामना करना पद सकता है
  6. व्यायाम शारीरिक श्नम न करने से भी लुकोरिया ही समस्या देखी जाती है
  7. कब्ज की वजह से भी लुकोरिया की परेशानी होती है जिनको कब्ज रहता है उन स्त्रियों को ये समस्या आती है |
  8. विवाहित महिलाओं में यह पोषण की कमी, योनि की अस्वच्छता, खून की कमी और तला हुए तेज मसालेदार भोजन करने से होता है।
  9. योनि में ‘ट्रिकोमोन्स वेगिनेल्स’ नामक बैक्टीरिया के कारण ल्यूकोरिया होता है।
  10. बार-बार गर्भपात होना या कराना।
  11. डायबिटीज से ग्रस्त महिलाओं की योनि में फंगल यीस्ट नामक संक्रामक रोग के वजह से श्वेत प्रदर ल्यूकोरिया होता है।
  12. असामान्य यौन सम्बन्धों से होने वाले संक्रमण के कारण।
  13. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होने के कारण।

लुकोरिया को कैसे ठीक करें |how to cure leukorrhea

  • जब वाशरूम जायें हर बार पानी से योनी को धुलें |
  • नहाते समय अपनी योनी को अच्छे से धुलना है
  • निम् के पत्तो के गुनगुना पानी से योनी को अच्छे से धुले या फिर एक douche पंप आता है उसमे नीम का पानी भर ले और उस पंप की सहायता से योनी के अंदर पानी डालें जिससे योनी की अन्दर तक सफाई हो जाएगी|नीम में अन्तिसप्तिक एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते है जो किसी भी इन्फेक्शन से बचने में मदद करते हैं .
  • अगर आप नीम का उपयोग नही कर सकते तो एक V वाश नाम से मेडिकेटिड solution आता उससे वाश करते है |
  • अपने undergarments गरम पानी से धोये और dettol पानी में जरुर धोये |
  • लुकोरिया रोग स्वच्छता की कमी और कैल्शियम की कमी से आता है

लिकोरिया का घरेलू उपचार|home treatment of leukorrhea

1) एक केला में गाय का 10 ग्राम घी मिला लें और और उसे अच्छे से पेस्ट की तरह बना ले और धीरे धीरे खाए ताकि वो खाते खाते हजम हो जाये जब खा ले तो उसके उपर गाय का हल्का गर्म दूध घूंट घूंट पिए मीठे के लिए गुड मिश्री शहद का उपयोग करें चीनी का उपयोग बिलकुल न करें जब केले के साथ घी खाते है तो लुकोरिया के वजह से कमजोरी आती है तो वो ठीक होने लगती है शारीर को कैल्शियम मिलने लगता है

2) गेहू के आंटे में चने का आटा मिलाकर खाए.

३) आंवले को चूर्ण पानी के साथ नियमित रूप से सेवन करने से ल्यूकोरिया की समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी।

4) भुने हुए चने खाए |

5) हरी पत्तेदार सब्जियां खाए

6) जामुन की छाल के चूर्ण को दिन में दो बार पानी के साथ लें।

7) धनिया के बीजों को रातभर के लिए पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इस पानी को छानकर पी लें। धनिये के बीजों का पानी पीने से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं |

8) गुडहल के फूल की चाय पिए .चाय बनाने की विधि बहुत आसान है जितनी चाय बनानी है उतना पानी उबालें गैस बंद कर दें उसक बाद उसमें गुडहल का फूल डालकर ढक दे 5 मिनट बाद जब गुडहल का अर्क आ जाये पानी में तो छानकर पिलें अगर खा पाएं तो फूल को भी चबाकर खा जाएँ उसे फेंके न इसका परिणाम आपको ३ से 4 दिन में दिख जाएगा

9) पुराने समय से योनि से सफेद पानी आने के घरेलू उपाय के रूप में चावल और पानी के काढ़े का इस्‍तेमाल किया जाता रहा है जिसे हम मांड भी बोलते है । जब चावल उबलते है तो उपर जो पानी बचता है उसे छानकर अलग कर लेते हैं वो पानी ठंडा करके पियें परिणाम जल्दी दिखेगे

10 ) पत्तेदार सब्जियों में कैल्शियम बहुत अच्छा पाया जाता है और वो हमारा पेट भी साफ़ करती हैं इनमे फाइबर ज्यादा होता है इसलिए कब्ज की शिकायत नही होती| इनका सेवन नियमित करते रहना चाहिए |

11 ) जो भी दाल खाए छिलका युक्त दाल खाए छिलके के निचे विटामिन और मिनरल्स होते है जिसकी हमें बहुत जरूरत होती है

12 ) अगर शादी शुदा हैं तो ब्रम्हचर्य का पालन कें उससे लुकोरिया की शिकायत जल्दी ठीक होती है

13) रोजाना योगासन करें जैसे पश्चिमोत्तासन सेतुबंध मर्कटासन पवनमुक्तासन |साथ साथ अनुलोम विलोम कपालभाती जरुर करें

14) लुकोरिया के इलाज के समय मिर्च मसला वाला खाना न खाएं

ल्यूकोरिया की आयुर्वेदिक दवा क्या है ?what is the ayurvedic medicin for leukorrhea

1) एक केला में गाय का 10 ग्राम घी मिला लें और और उसे अच्छे से पेस्ट की तरह बना ले और धीरे धीरे खाए ताकि वो खाते खाते हजम हो जाये जब खा ले तो उसके उपर गाय का हल्का गर्म दूध घूंट घूंट पिए मीठे के लिए गुड मिश्री शहद का उपयोग करें चीनी का उपयोग बिलकुल न करें जब केले के साथ घी खाते है तो लुकोरिया के वजह से कमजोरी आती है तो वो ठीक होने लगती है शारीर को कैल्शियम मिलने लगता है |उपर वेबसाइट में विस्तृत जानकारी दी गई है

महिलाओं में लिकोरिया क्यों होता है

  • अस्वच्छता योनी की सफाई न करना
  • जो लोग बहुत ज्यादा मिर्च मसाला खाते हैं तीखी चीजे खाते है खट्टी चीजें खाते है या नॉन वेज खाते है जो लोग गरिष्ट पदार्थ खाते है .उइसकी वजह से भी लुकोरिया श्वेत प्रदर की परेसानी होती है

  • तनाव एवं अत्यधिक शारीरिक श्रम करने के कारण।
  • ज्यादा सेक्स से भी इस तरह की परेशानी का सामना करना पद सकता है
  • व्यायाम शारीरिक श्नम न करने से भी लुकोरिया ही समस्या देखी जाती है
  • लिकोरिया कितने प्रकार का होता है

    लुकोरिया तिन तरह का होता है
    सफ़ेद स्त्राव( white discharge )
    सफ़ेद स्त्राव हमारे गर्भाशय के आतंरिक अंगो से निकलकर बाहर आता है |
    मटमैले रंग का स्त्राव ( brown discharge)
    पीले मटमैले से रंग का स्त्राव निकलकर बाहर आता है तो वो गर्भाशय में किसी तरह के गाँठ का संकेत देता है और आपको सतर्क रहने की जरूरत है| समय रहते इलाज कराएँ और डॉक्टर से संपर्क करें |
    गाढ़ा रक्त मिश्रित स्त्राव ( thik blood mix brown discharge )
    मटमैले से रंग का रक्त के साथ मिलकर बहर निकलता है तो इसका मतलब है अंदर कैंसर या फिर गांठ की स्थिति बन गई है |
    और यह स्त्राव बहुत बदबूदार होता है इसमें हमें लापरवाही एकदम नही करनी चाहिए तुरंत डॉक्टर से जाँच कराना चाहिए
    अगर योनी से पतला ट्रांसपेरेंत स्त्राव आ रहा हो तो उसकी बहुत ज्यादा चिंता की जरुरत नही है परन्तु इलाज करना उसका भी जरुरी है |ज्यादा समय तक ये समस्या उत्पन्न कर सकता है

    सफ़ेद पानी लुकोरिया किसकी कमी से होता है ?

    स्वच्छता और कैल्शियम की कमी से सफ़ेद पानी की समस्या आती है

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