Air Pollution Home Remedy जहरीली हवा से बचने के लिए कुछ आयुर्वेदिक होम रेमिडी।
आज हम जैसा जीवन जी रहे है उसमे कुछ भी शुद्ध नहीं है हमे जीने के लिए कुछ बेसिक चीजें है उसकी जरूरत पड़ती ही है उसके बिना जीवन संभव नहीं वो है पानी हवा और भोजन और रिश्ते Mung paani bimariyon ka kaal .मूंग दाल का पानी पीने के फायदे – Moong Dal Water Benefits In Hind
पानी मे जहर हवा मे जहर और भोजन मे भी जहर रिश्तों मे भी मिलावट अब प्रश्न ये है की ऐसे माहौल मे कैसे survive किया जाए क्योंकि जिना तो है ही किसी भी तरह । आजकल एयर pollution इतना ज्यादा हो गया है की सांस लेना मुश्किल हो गया है अरबी के पत्ते के फायदे| benefits of arvi /arbi leaf
एयर पॉल्यूशन क्यों बन चुका है जानलेवा समस्या?
आज हम बात करेंगे वायु प्रदूषण मतलब एयर पोल्यूशन की जैसा की आप सभी पता ही है कि आज के समय में एयर पॉल्यूशन इतना बढ़ चुका है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। लहसुन के सेवन के फायदे|health benefits of garlic
दिल्ली-NCR जैसे इलाकों में कई बार AQI 500 से 900 तक पहुँच जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक स्तर है।
कई रिपोर्ट और स्टडी बताती हैं कि:
- दिल्ली-NCR में रहने वालों की औसत उम्र 10–20 साल तक कम हो जाती है
- लंग कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है
- खांसी, गला खराब, आंखों में जलन, सांस फूलना जैसी समस्याएं आम हो गई हैं health benefits of castor oil|अरंडी के तेल castor oil के फायदे
एयर पोल्यूशन की वजह से एक्यूआई ज्यादा होने की वजह से। आज मैं इस आर्टिकल में आपको बताउगी चारआयुर्वेदिक तरीके जिससे आप इससे बहुत हद तक बच सकते है क्योंकि यह एयर pollution कंट्रोल करना हमारे एडमिनिस्ट्रेशन के हाथ में हमारी सरकारों के हाथ में है। हमारा इसमें बहुत ज्यादा रोल नहीं है। लेकिन हम इसमें खुद के रोल को अपनाकर हम इसके साइड इफेक्ट से बच सकते हैं। तो आज इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊंगी चार घरेलू आयुर्वेदिक उपचार। अगर यह आप करते हैं आपका परिवार करता है तो आप लोग काफी हद तक ये जो जहरीली हवा है इसके जो दुष्परिणाम से इसके जो साइड इफेक्ट है बहुत आसानी से बच सकते हैं। health benefits of Bathuwa | सर्दियों में क्यों ज़रूर खाना चाहिए बथुआ? जानें इसके अनेक फायदे
तो आइए जानते है बचने के उपाय क्योंकि अभी तो और भी बढ़ेगा एयर pollution ऐसे मे आपको अपना और अपनों का बचाव भी करना है और समस्या का निदान भी करना है तो आप इन नुस्खों को अपनाकर आसानी से इन सब चीजों से इसके साइडइफेक्ट से बच सकते हैं। लंग कैंसर से बच सकते हैं। खांसी, गला खराब और आंखों में जलन जो होती है इन सब चीजों से आप बच सकते हैं। तो इसके लिए करना क्या है? ये जानते हैसबसे सस्ती आयुर्वेद का सर्वश्रेष्ठ रसायन जो आपको हमेशा जवान रखेगा| aawla ke fayde aur nuksaan
1 अणु तेल या A2 देसी गाय का घी – नाक की ढाल
नाक हमारे शरीर का पहला सुरक्षा द्वार है।
हम जो हवा अंदर लेते हैं, वही सीधे फेफड़ों तक जाती है।
कैसे उपयोग करें?
जो तो सबसे पहले अनु तेल यह आपको बाजार में मिल जाएगाआसानी से मिल जाता है अनु तेल या ए2 जो गाय का घी होता है वह आप देसी घी ले सकते हैं।8 health warning sign| ये संकेत बताते हैंआपको कोई गंभीर health problem हैये symptoms इग्नोर न करें
A2 देसी घी क्या होता है?
A2 देसी घी देसी गायों (जैसे गिर, साहीवाल) के दूध से
पारंपरिक बिलोना विधि द्वारा बनाया जाता है।
इसके लाभ:
- केवल A2 बीटा-कैसिइन प्रोटीन, जो आसानी से पचता है
- विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
- इम्युनिटी और श्वसन तंत्र के लिए लाभकारी केसर के त्वचा पर फायदे: निखारें अपनी त्वचा की खूबसूरती|seffron skin benefits
जब भी आपके घर में कोई भी स्कूल बच्चा स्कूल जाता है या ऑफिस जाते हैं या कोई भी बाहर जाता है तो सुबह जब आप निकलते हैं तो निकलने से पहले दो बूंद अनु तेल ये दो-दो बूंद दोनों नाक में आप इसको डाल लेंगे और डालने के बाद फिर आप बाहर जाएंगे चाहे वो बच्चा हो चाहे बड़ा हो दोनों इसका उपयोग करे फीर बाहर जाए। इसी तरह अगर अणु तेल ना हो तो ए टू देसी गाय का जो घी है यह भी आप नाक में सुबह-सुबह लगा के तब बाहर जाइए इसे अप आँखों मे भी लगा लें एलोवेरा के फ़ायदे: प्राकृतिक उपाय से चमकती त्वचा के लिए|alovera skin benefits
क्या फायदा होगा?
इससे क्या होगा कि जब यह लगा लेंगे तो जब आप बाहर जाएंगे तो पोल्यूशन के जितने भी डस्ट पार्टिकल्स हैं जो चीजें हैं यह आपके अंदर नहीं जाकर आपके लंग्स को डैमेज नहीं करेंगी। बाहर ही चिपक जाएगी आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम को डैमेज नहीं करेंगीऔर यह यहीं पर चिपक जाएंगी। यह बहुत ही आसान है इसको जरूर अपनाएँ अगर अणु तेल न हो शुद्ध गाय का घी लगा ले गाय का घी भी न मिले तो आप कच्ची घानी का सरसों का तेल भी उपयोग कर सकते है पर ध्यान रहे सरसों का तेल शुद्ध होना चाहिए मिलावट वाला नहीं
2 सीतोपलादी चूर्ण
दूसरा है सीतोपलादी चूर्ण।सितोपलादि चूर्ण आयुर्वेद की एक प्रसिद्ध औषधि है,
जो श्वसन तंत्र को मजबूत करने में मदद करती है।यह भी मार्केट में बहुत आसानी से मिल जाता है। किसी भी अच्छी कंपनी का आप सीतोपदी चूर्ण ले सकते हैं। सीतोपलादी चूर्ण का उपयोग कैसे करना है आपको? आधा चम्मच चूर्ण लेना है और इस आधा चम्मच चूर्ण को शहद में मिलाकर और इसको चाटना है।
कब?खाली पेट खाने से एक घंटा पहले। दिन में दो बार। सुबह शाम खाली पेट खाने से एकघंटा पहले आधा चम्मच शीतोपलादी चूर्ण कोलें। उसमें शहद मिलाएं और उसको आप चाट के खा जाएं। उसके बाद आधा घंटे तक आपको कुछ खाना पीना नहीं है।
अगर आपको प्यास ज्यादा लगती है, थोड़ा सा गुनगुना पानी आप पी सकते हैं। लेकिन ठंडा पानी नहीं पीना हैऔर कुछ खाना नहीं है। आधा घंटे तक एक घंटे तक आप कंट्रोल कर पाएं बहुतअच्छा है। एक घंटे तक कुछ ना लें ताकि वोआसानी से अंदर चला जाए और आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम को और आपके लंग्स को क्लीन करे।
अगर किसी को डायबिटीज है, किसी को शुगर है और वह शहद नहीं लेते तो वह देसी घी को इसमें मिलाकर शहद की जगह देसी घी को मिक्स करके और वह चाट सकते हैं। देसी घी ए टू काऊ घी होना चाहिए देसी। यह ध्यान रखिएगा।
लाभ:
- फेफड़ों में जमा डस्ट और प्रदूषक कण बाहर निकालता है
- खांसी, जुकाम और गले की परेशानी में राहत देता है
अदरक-हल्दी का काढ़ा – लंग्स डिटॉक्स ड्रिंक
अदरक हर एक के घर में आसानी से मिल जाती है।अदरक और हल्दी दोनों ही प्राकृतिक डिटॉक्स एजेंट माने जाते हैं। आपको करना क्या है कि
1इंच अदरक का टुकड़ा लें। एक चुटकी हल्दी लें और इसको एक गिलास पानी में बहुत धीमी आंच पर उबालें और जब यह एक गिलास पानी आधा गिलास रह जाए तो थोड़ा सा उसे ठंडा होने दें।थोड़ा सा ठंडा मतलब थोड़ा चाय की तरह थोड़ा गरम भी रहे। ठंडा होने पर उसको छानकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर और उसको सिप-सिप करके धीरे-धीरे पीना है। अगर कोई डायबिटीज का पेशेंट है, किसी को शुगर है तो शहद की जगह वह जो मैंने बताया आपको ए2 देसी काऊ घी को मिलाकर आपको खाली पेट सुबह पीना है।
यह केवल एक बार ही करना है आपको और एक घंटे तक आपको कुछ नहीं खाना है। इसको पीने के बाद एक घंटे तक आपको कुछ नहीं खाना है। और अगर आप यह करेंगे यह क्या करेगा? यह आपकेअंदर जितने भी लंग्स में डस्ट पार्टिकल्स जो जमा हो रहे हैं, वह यह निकाल देगा। उसको जब आप इसको लेते हैं तो यह कफ बनाकर और कफ के जरिए वह डस्ट पार्टिकल कोबाहर निकालता है और यह भी इसी तरह जो है नीचे से जो आपके डस्ट पार्टिकल है वह नीचेसे निकाल देता है।
आंखों की जलन से बचाव – देसी घी का सरल उपाय
एयर पॉल्यूशन का सीधा असर आंखों पर पड़ता है,
जिससे तेज जलन और लालिमा हो जाती है।
उपाय:
केवल गले में जलन, सर्दी, जुकाम, खांस ही नहीं होता। इसके अलावा आंखों में भीबहुत जलन होती है। अगर आपने एयर पोलुशन का देखा होगा तो उससे आंखों में बहुत जलन होती है।
तो उसके लिए आपको क्या करना है?उसके लिए फिर आपको देसी A2 काऊ का घी लेना है और इस घी को सुबह जाते समय ऑफिस जाएं, स्कूल जाएं,बच्चे जाएं, बड़े जाएं। आपको इस घी को काजल की तरह घी लेना है और काजल की तरह आंखों में लगा लेना है। इसके लगाने से आपको एक दिन में इतना रिलीफ मिलेगा कि जब आप जाएंगे तो आपको जलन तो बिल्कुल बंद हो जाएगी। आंखों में जलन नहीं होगी आपको। तो अगर घी लगाकर आप बाहर जायेगे तो आँखों की इस परेशानी से आपको छुटकारा मिल जाएगा बहुत आराम होगा और आपकी आंखें भी डैमेज नहीं होंगी। इतना फायदा करता है ये।तो ये आपको घर में जितने भी फैमिली मेंबर हैं जो भी बाहर जाते हैं चाहे स्कूल जाएं,ऑफिस जाएं, बाहर निकल के मार्केट जाएं तो ये आप लगा कर जाएं जब सुबह-सुबह आप निकलते हैं। जब आप अपनी आंखों पर लगाएंगे तो जितने भी pollution के जो पार्टिकल्स हैं वो यहां पर आपको जमा होने यहां पर ही चिपक जाएंगे। यहीं पर ही रहेंगे। वो अंदर नहीं जाएंगे। आंखों में जलन नहीं करेंगे।
घर लौटने पर आंख कैसे धोएँ?
और जब आप घर पर आए हैं तो घर पर आने के बाद अपनी आंख को धोना है।धोना कैसे है? मुंह में सबसे पहले पानी भरना है। पानी भरने के बाद आंखों पर छींटे मारने हैं। छींटे मार के धो देना है। तो जितनी गंदगी आपकी आंखों में है वह नीचे निकल जाएगी। और आपको 10 20 बार ऐसे कर लेना है तो वो गंदगी निकल जाएगी। उसके बाद जो मुंह का पानी है यह आपको फेंक देनाहै। इससे क्या होगा?
मुंह में पानी क्योंभरते हैं क्यों कि जब आपकी आंखों में गंदगी जमा होती है और जब आप मुंह में पानी भरते हैं तो यह यहां पर लॉक हो जाता है। अगर आप छींटे मारते हैं तो वो गंदगी अंदर नहीं जाएगी तो वो गंदगी यहां पर लॉक है तो बाहर ही रहेगी और बाहर निकल जाएगी। अगर आपने पानी नहीं भरा बिना पानी भरे से मारा तो वो गंदगी अंदर भी जा सकती है। और क्या फायदा हुआ? वो गंदगी बाहर की फिर आपकेअंदर ही चली जाएगी। तो इसलिए मुंह में पानी भर कर ही छींटे मारने हैं।
इसके अलावा भी कुछ सावधानियां हैं जो आपको और आपके परिवार को जरूर बरतनी चाहिए और यह बरतने से काफी हद तक भी आप pollution से बचेंगे।
1 जैसे कोई भी बच्चा हो या बड़ा हो जब बाहर जाए तो N95 मास्क जरूर लगाएं। जीहां, यह आपको काफी हद तक आपको pollution से बचाएगा।
2 मॉर्निंग वॉक जब एयर pollution ज्यादा हो, एक्यूआई बहुत हाई हो, तो मॉर्निंग वॉक को अवॉइड करना चाहिए।मॉर्निंग वॉक नहीं करना चाहिए। उससे ना केवल आपको लंग्स में प्रॉब्लम होगी बल्किआपके हार्ट पर भी बहुत जोर पड़ता है।
3 और पानी ज्यादा पिए। ऐसे में पानी आपको बहुत ज्यादा पीना है। जब पानी आप ज्यादा पिएंगे तो जितने भी pollution चीजें हैं वह आपको फ्लश आउट कर देगा यह पानी। तो पानी भी ऐसेमें बहुत ज्यादा पीना चाहिए।
तो यह थे वो आयुर्वेदिक उपाय। इन्हें अपनाकर ना केवल आप यह वायु pollution , जहरीली गैस के जो साइड इफेक्ट्स हैं उनसे बचेंगे बल्कि लंग कैंसर के खतरे को बहुत कम कर देंगे।खांसी, गला खराब, आंखों में जलन इन सब चीजों से भी आसानी से आप बचेंगे।
निष्कर्ष
आज के ज़हरीले वातावरण में पूरी तरह वायु प्रदूषण से बच पाना मुश्किल है,
लेकिन सही जानकारी और आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर
हम इसके नुकसान को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
ये घरेलू आयुर्वेदिक उपाय:
- फेफड़ों की रक्षा करते हैं
- लंग कैंसर के खतरे को कम करते हैं
- खांसी, गला खराब और आंखों की जलन से राहत देते हैं
स्वस्थ रहना आज विकल्प नहीं, ज़रूरत है।
आज से ही इन उपायों को अपनाएँ और खुद को व अपने परिवार को सुरक्षित रखें।

