अपराजिता के फायदे और नुकसान
अपराजीता जिसे संखपुष्पी नाम से भी जानते है| जिसे वैज्ञानिक रूप से “क्लिटोरिया टर्नेटिया” कहा जाता है ।क्या ये जानते है इसके आयुर्वेदिक लाभ कितने हैं ? ये दो रंगों में पाया जाता है नीला और सफ़ेद आयुर्वेद में इन फूलों का उपयोग बहुत सी बीमारियों में किया जाता हैपराजिता को आयुर्वेद में विष्णुक्रांता, गोकर्णी आदि नामों से जाना जाता है। आयुर्वेद में सफेद और नीले रंग के फूलों (aparajita flower in hindi) वालों अपराजिता के वृक्ष को बहुत ही गुणकारी बताया गया है।असाध्य रोगों पर विजय पाने की इसकी क्षमता के चलते ही इसे अपराजिता नाम से जाना गया है।dry cough treatment at home
माडर्न साइंस ने भी इसको बहुत उपयोगी माना है स Stylesatlif में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस फूल में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। इनमें p-coumaric acid, delphhinidin-3, kaempferol, 5-glucoside आदि शामिल हैं और ये स्वस्थ शरीर के लिए महत्वपूर्ण हैं।अपराजिता (aparajita tree) के बीज सिर दर्द को दूर करने वाले होते हैं। दोनों ही रंग की अपराजिता दिमाग तेज करने वाली वात, पित्त, कफ तीनो दोषों में फायदेमंद है |यकः पौधा भारत में हर जगह पेज सकती है ये बहुत कम रखरखाव में उगाई जा सकती है |VAAT PRAKRITI
अपराजिता का परिचय (What is Aprajita i)
अपराजीता बेल वाला एक झाड़ीनुमा पौधा है |इसमें गाय के कान की तरह फूल आते है इसलिए इसे गोकर्णी भी कहा जाताहै |साधारणतया इसमें दो रंगों में फूल आते है नील और सफ़ेद| ये दो प्रकार के होता है एक पंखुड़ियों वालो और डबल पंखुड़ियों वाला |
वैसे अब इसमें कुछ और भी रंगों में फूल आने लगे हैं जैसे गुलाबी और हल्का आसमानी रंग |paan khane ke fayde aur nuksaan
अपराजिता के नाम विभिन्न भाषा में |
अपराजिता की बेल को अन्य भाषाओं में अलग -अलग नाम से जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम Clitoria ternatea L. (क्लाइटोरिया टर्नेशिया) Syn-Clitoria bracteata Poir. और अंग्रेजी नाम Winged-leaved clitoria (विंग्ड लीव्ड क्लाइटोरिया) है, और इसके अन्य नाम ये हैं:- All about monthly cycle
Hindi | अपराजिता, कोयल, कालीजार |
English | बटरफ्लाई पी (Butterfly pea), ब्लू पी (Blue pea), पिजन विंग्स (Pigeon wings) |
Sanskrit | गोकर्णी, गिरिकर्णी, योनिपुष्पा, विष्णुक्रान्ता, अपराजिता |
Farasi | दरख्ते बिखेहयात (Darakhte bikhehayat) |
Malayalam | अराल(Aral), कक्कनम्कोटि (Kakkanamkoti), शंखपुष्पम् (Sankhpushpam) |
Arabic | बजरूल्मजारियुन-ए-हिंदी (Bazrulmazariyun-e-hindi) |
Marathi | गोकर्णी (Gokarni), काजली (Kajali), गोकर्ण (Gokarn) |
Tamil | काककनाम (Kakkanam), तरुगन्नी (Taruganni) |
Bengali | गोकरन (Gokaran), अपराजिता (Aparajita) |
Kannada | शंखपुष्पाबल्ली (Sankhapushpaballi), गिरिकर्णिका (Girikarnika), गिरिकर्णीबल्ली (Girikarniballi) |
Konkani | काजुली (Cazuli) |
Nepali | अपराजिता (Aparajita) |
Telugu | दिन्तेना (Dintena), नल्लावुसिनितिगे (Nallavusinitige) |
Punjabi | धनन्तर (Dhanantar |
Oriya | ओपोराजिता (Oporajita) |
Urdu | माजेरीयुनीहिन्दी (Mazeriyunihindi) |
Gujarati | गर्णी (Garani), कोयल (Koyala) |
अपराजिता के स्वास्थ्य लाभ
जैसे की इसके नाम से ही प्रतीत होता कभी न पराजित (हारने ) वाली अपराजिता |किसी भी बीमारी में इसके प्रयोग में ये पराजित नही होती |बल्कि सभी रोगों में इसका फायदा होता है |आइये जानते है कैसे इसका उपयोग करें और किन किन बिमारियों में यह फायदेमंद है |acidity problem solution |एसिडिटी के घरेलु उपाय
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है अपराजिता |
अपराजिता के फुल् से बनी चाय पीने से सूजन और दर्द से राहत मिलती है। यह शरीर में आंतरिक और बाहरी सूजन को कम करता| क्योंकि इसमें फ्लेवोनोइड्स होते हैं, जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।sadabahar health benefits Iसदाबहार रखे आपको सदाबहार
वजन कम करने में सहायक है |
कुछ अध्ययनों के अनुसार, इसके अर्क का उपयोग शरीर में वसा कोशिकाओं के निर्माण को धीमा कर देता है।
पाचन को सुधारता है |
अपराजिता फूल के एंटीऑक्सीडेंट गुण के कारण पेट की मांसपेशियों को आराम मिलता है जिससे पाचन में मदद मिलती हैं।यह आंतों के स्वास्थ्य को बनाए रखता है है और आंतों में क्रीमी की समस्या नही उत्पन्न होने देता और पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
अधकपारी या माइग्रेन के दर्द में अपराजिता के फायदे |
अपराजेता की जड़ और बिज को बराबर मात्र में पीसकर इसका रस एक एक बूंद नाक में डालने से अधकपारी या माइग्रेन की समस्या में राहत मिलती है |
दांत दर्द में अपराजिता से फायदा|
अपराजीता की जड़ को पीसकर उसमें काली मीच मिलाकर मुह में रखने से दांत दर्द में आराम होता है
दृष्टि में सुधार
ये फूल आंखों की विभिन्न समस्याओं के इलाज और आंखों की रोशनी में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । अपराजीता का एंटीऑक्सीडेंट गुण आंखों की केशिकाओं में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है। धुंधली दृष्टि, रेटिना क्षति आदि से छुटकारा दिलाती है।
घाव भरना
अपराजिता के पौधे की पत्तियों में वैज्ञानिक रूप से ऐसे गुण पाए गए हैं जो संक्रमण को कम करते हैं। अपराजिता के पौधे की पत्ती का बारीक पेस्ट घाव भरने में मदद करता है । अपराजिता पौधे के एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों की वजह से ये घाव भरने में लाभदायक है |
बालों के झड़ने के उपचार पर प्रभावी
प्राचीन समय में लोग पुगंजापन के इलाज के लिए अपराजिता जड़ी बूटी पसंद करते हैं। अपराजिता के फूल का उपयोग समय से पहले बालों के सफेद होने के इलाज के लिए किया जाता है। अपराजिता के फूल में मौजूद एंथोसायनिन सिर में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। इस प्रकार, बालों के झड़ने का इलाज होता है।
मधुमेह में फायदेमंद
रक्त प्रवाह में शर्करा के अवशोषण स्तर को नियंत्रित करता है भोजन के बीच ली गई एक कप ब्लू टी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करेगी। और अगले भोजन तक आपके स्तर को स्थिर रखेंगे।
चूंकि, ब्लू टी ब्लड शुगर लेवल को कम करती है। इसलिए, मधुमेह वाले लोगों को विशेष रूप से उस दर के बारे में सतर्क रहना चाहिए जिस पर इसे लिया जाता है।
ह्रदय के लिए फायदेमंद
अपराजिता के बीज हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते है, अपराजिता में टी-हिपेरलिपिडिमिक का गुण पाया जाता है जो कि कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
तंत्रिका संबंधी विकार का इलाज करता है : (Treats Neurological Disorder: )
प्राचीन काल से ही अपराजिता के फूल का उपयोग आयुर्वेदिक उपचार में मुख्य घटक के रूप में किया जाता है। सिज़ोफ्रेनिया और तंत्रिका संबंधी विकारों का इलाज करता है। यह स्मृति सुधार का वादा प्रभाव दिखाता है। इसके अलावा, न्यूरोलॉजिकल लाभों का एक विस्तृत स्पेक्ट्रम है, विशेष रूप से एंटीडिपेंटेंट्स, चिंताजनक, ज्वरनाशक।
गले के रोग में अपराजिता से लाभ |
अपराजिता के पत्तियों को उबालकर उस पानी से गरारा करने से टांसिल, गले के घाव में ,गला खराब होना या किसी तरह का गले का इन्फेक्शन में लाभकारी है |
अपराजिता की जड़ का सरबत पिने से खासी में आराम मिलता ही कुक्कुर खासी में भी फायदेमंद है
- अपराजिता का प्रयोग अवसाद को कम करने में भी किया जाता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार अपराजिता में मेध्य का गुण पाया जाता है जो कि मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है जिससे अवसाद के लक्षणों में कमी आती है।
- सफेद अपराजिता की जड़ को ठंडे पानी के साथ पिस लें। इसे प्रभावित स्थान पर लेप करने से 15-30 दिनों में ही सफेद दाग में लाभ होने लगता है।अपराजीता की बीजको घी में भुनकर सुबह शाम पानी के साथ सेवन करने से भी धीरे धीरे सफ़ेद कुष्ठ रोग में फायदा मिलता है |
- अपरजिता का उपयोग महिला संबंधी रोग के साथ साथ-साथ महिलाओं के बांझपन को दूर करने में भी किया जाता है। इसके लिए फूल या पौधे के भागों का प्रयोग कर सकते है।
- यह रक्त के लिए एक अच्छा टोनिक है |रक्त सम्बन्धी विकार को दूर करता है |
- यह याददास्त बढाती
- यह शारीर में सुजन को कम करती है
अपराजिता की ब्लू tea कैसे बनाएं (How to make blue tea )
अगर आप इन शारीरिक समस्याओं से बचना चाहते हैं तो अपराजिता के नीले फूल से बनी चाय पी सकते हैं। आजकल ये फूल बहुतायत से बाजार में ब्लू tea के नाम से बिक रहे हैं | इसे बनाने के लिए एक कप पानी, तीन से चार अपराजिता के फूल और स्वादानुसार शहद चाहिए आप अगर बिना शहद लेना चाहें तो भी अच्छा है शहद इसे स्वाद के लिए उपयोग किया गया । उबलते पानी में धुले हुए फूल डालें, इसे ढककर 4-5 मिनट के लिए अलग रख दें। एक कप में इसे छान लें और इसमें शहद मिलाएं। यह नीली चाय नाश्ते और दोपहर के भोजन के बाद अच्छी होती है।
अपराजिता से बनी हर्बल चाय विभिन्न औषधीय लाभ प्रदान करती है। यह केशिकाओं में रक्त के प्रवाह को बढ़ाकर दृष्टि में सुधार करता है। नेत्र रोग का इलाज करता है, बालों को पोषण देता है, त्वचा की रंगत में सुधार करता है। और, एंटीऑक्सिडेंट प्रदान करते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं।अपराजिता टी को ब्लू टी के नाम से भी जाना जाता है। एक कैफीन मुक्त हर्बल चाय है जो विशुद्ध रूप से क्लिटोरिया टर्नेटिया (अपराजिता) पौधे की पत्तियों से बनाई जाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नीली हर्बल चाय पूरी तरह से पैक एंटीऑक्सिडेंट के साथ आती है। अपराजिता के फूल की चाय मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होती है।
इस्तेमाल के लिए अपराजिता के उपयोगी भाग (Useful parts of Aprajita Plant)
जड़ ,जड़ की छाल ,पत्ता,फूल,बीज
अपराजिता के नुकसान
किसी भी चीज के फायदे और नुक्सान दोनों होते है साधारणतया तो अपराजिता के कोई नुकसान देखने को नहीं मिला हैक्योकि ये एक प्राकृतिक चीज है इसलिए इसके साइड इफ़ेक्ट न के बराबर है परन्तु कई सारे लाभ ही मिलते हैं। फिर भी यह जानना जरूरी है की इसका अधिक सेवन आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। क्अयोकि किसी भी चीज की अति अच्गछी नही होती चाहे वो अमृत ही क्यों न हो आप अपराजिता का अधिक सेवन करते हैं और एक लंबे समय तक इसका सेवन करते रहते हैं, तो इससे आपको नुकसान हो सकता है क्योंकि किसी भी चीज को सही मात्र में लेना बहुत आवश्यक है आइए अब जानते हैं कि परिस्थितियों में अपराजिता का सेवन ना करें।
- गर्भवती महिलाएं अपराजिता सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें| गर्भवती महिलाओं को कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉ की सलाह जरुर लेनी चाहिए क्योकि उस समय शारीर में बहुत से परिवर्तन होते है ऐसे में कौन सी चीज आपकी बॉडी रियेक्ट करदे हम नही समझ पाते|
- एक लंबे समय से बीमार रहने वाले व्यक्ति अपराजिता का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर का सलाह जरूर लें।
क्या अपराजीता और शंखपुष्पी अलग अलग हैं
नही ये दोनों एक ही फूल के नाम है
अपराजिता का क्या महत्व है ?
अपराजिता स्वस्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है | जैसे की इसके नाम से ही प्रतीत होता कभी न पराजित (हारने ) वाली अपराजिता |किसी भी बीमारी में इसके प्रयोग में ये पराजित नही होती |बल्कि सभी रोगों में इसका फायदा होता है | हिन्दू धर्म में भी इस फूल का बहुत महत्व है कहते है जिनके घर में ये पौधा होता है उनके घर में सुख समृद्धि बनी रहती है |
अपराजिता के लाभ
अपराजिता का पौधा घर में लगाने से सकारात्मक उर्जा का प्रवाह होता है घर ने नकारात्मक उर्जा चली जाती जिससे सुख समृद्धि बनी रहती है
क्या अपराजिता के फूल की ब्लू tea बनती है
हा नीली अपराजिता के प[हलों ब्लू tea बनती है |जिसके भुत से स्वस्थ्य लाभ हैं |