All about monthly cycle|माहावारी के नियम और दिनचर्या

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः

इस श्लोक का मतलब है जहाँ नारी का सम्मान होता है वह देवताओं का निवास होता है ।हमारे धर्म में नारी को सर्वश्रेष्ठ का दर्जा दिया गया है ।और आज का यर आर्टिकल उनको ही समर्पित है रजस्वला परिचर्या माहवारी से जुड़े समस्या और उसके समाधान और नियमों में बारे में आयुर्वेद में दी गई सटीक जानकारी रजस्वला परिचर्या पर है जिसको सामान्य भाषा मे मासिक धर्म महावारी पीरियड महीना आना monthly cycle इत्यादि नामों से जाना जाता है ।इस समय मे किस तरह की दिन चर्या होनी चाहिए किन विशेश बातों का ध्यान का ध्यान रखना चाहिए कौन से काम करने चाहिए कौन से नही और क्यो ये सब बातें हर औरत और लड़की को जरूर पता होना चाहिए ।और माहवारी मासिक धर्म में बारे में सारी बाते हम इस आर्टिकल में बतायेगे जो कि वैज्ञानिक रूप से सिद्ध होगी कोई अन्धविश्वाश या किसी तरह का टोटका सिर्फ शुद्ध आयुर्वेद और विज्ञान की तर्कसंगत बातें ही यह हम बतायेगे ।

मासिक धर्म के समय हमें किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए

आयुर्वेद में हर महत्वपूरण चीजो का दिनचर्या बनाया है दिन के लिए दिनचर्या ऋतुओ के लिए रितुचार्य बनाया गया है उसी तरह महिलाओ के स्वस्थ्य को ध्यान में रखक आयुर्वेद के ऋषियो ने रजस्वला परिचर्या का नियम बनाया है जिसमे महिलाओ को मासिक धर्म में किन किन बातो का ध्यान रखना चाहिए इसका उल्लेख किया गया है

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इन नियमो को समझने के लिए महिलाओं के शारीर को समझना जरूरी है

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महिलो का गर्भाशय नाभि के नीचे आता है नाभि के निचे का भाग अपान वायु का स्थान है आयुर्वेद के अनुसार हमारे शारीर में 5 तरह की वायु है और हर वायु के अलग अलग काम हमारे शारीर में है उनमे से अपान वायु का काम पेशाब मल या गर्भ को बहार निकलना है ।औरतों को 28 दिन में मासिक धर्म टाइम से और रक्त स्त्राव ठीक से हो ये सब चीजो को संयमित रखने का काम अपान वायु का है । winter-skin-body-care-routine

महिलाओं का गर्भाशय पूरी तरह अपान वायु से घिरा है इसलिए जितना अच्छा अपान वायु है उतना अच्छा उनका मासिक धर्म आयेगा और मासिक धर्म से जुडी तकलीफें भी नही होगीP.C.O.D.इनफर्टिलिटी की समस्या ये सब अपान वायु के बिगड़ने के कारण होती है इसलिए आयुर्वेद कहता है अपान वायु का विशेष ध्यान रखें ।

बहुत सी महिलाओ को माहवारी के दौरान दर्द बर्दास्त से बाहर होता है कभी महावारी समय पर आती है कभी नही। कभी दो-दो महीने का अंतराल होता है कभी नही होता ये सब समस्या की वजह अपान वायु का बिगड़ना है आयुर्वेद में कहा गया है जितने भी योनिगत रोग है उनमे कही न कहीं वायु का अनियंत्रण रहता ही है .इससे एक बात समझ आती है अगर आपको माहवारी की समस्या से बचना है तो इसके लिए वायु को संतुलित रखना जरूरी है तेजपत्ता के फायदे उपयोग और नुकसान

क्या न करें

ज्यादा दौड़ भाग न करें

आयुर्वेद ऐसा कहता है जब मासिक धर्म आये उन दिनों में ज्यादा भागदौड़ उछल कूद या काम ना करें किसी भी प्रकार का काम काज भाग दौड़ आपके शारीर में और वायु को बढ़ाएगा जितना वायु बढ़ेगी उतनी मासिक से समबन्धित तकलीफें बढ़ेगी ।अपराजिता के फायदे और नुकसान

शुश्रुत ऋषि जिनको शल्य चिकित्सा का जनक कहा जाता है उन्होंने अपने कुछ श्लोक लिखे है और नियम बताये है

ब्रम्हचर्य के नियमो का पालन करें

All about monthly cycle|माहावारी के नियम और दिनचर्या

ब्रम्हचारिणी के नियमो का पालन करें इन दिनों में किसी भी तरह के सेक्सुअल कंटेंट या सोच से बच कर रहे क्योकि उस समय में आपके गर्भाशय की साफ़ सफाई हो रहा इस तरह के संबंध से या सोच से आपके शरीर में और बीमारी बढेगी।cumin seeds for health and weightloss|जीरा मोटापा दूर भगाए और रखे स्वस्थ

जब भी मासिक धर्म के समय शरीर की सफाई हो रही है इन दिनों ब्रम्हचर्य का पालन करना जरूरी है.शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है साथ ही मोबाइल टीवी इन सब पर दिखाई जाने वाली उत्तेजक चीजे होती है है उनसे हमे बचना चाहिए इससे हमारा मन शांत रहता है हमारे हारमोंस नियंत्रित रहेगे sadabahar health benefits Iसदाबहार रखे आपको सदाबहार

दिन में न सोएं


इन दिनों में दिन में सोना मना है .इसलिए इन दिनों में रात में जल्दी सो सकते है रात में पूरी तरह नींद ले सकते है क्योकि दिन में सोने से कफ दोष बढ़ता है .रात में सोने से तो वात और पित्त दोष संतुलित रहता है betel nuts health benefits|सुपारी खाने के फायदे

इन तीनो दोषों को समअवस्था में बनाये रखने के लिए ये नियम बताया गया है।jamun benefits | jamun ke fayde

श्रृंगार न करें

इन दिनों में आंखों में काजल लगाना शरीर पर लेप लगान इन सब चीजों बचना चाहिए क्योकि इन दिनों में हमार शरीर डिटॉक्सीफिकेशन का काम करता ।हमारे शरीर से से टोक्सिन निकलता है .लेप लगाने अंजन लगाने से इनके काम में अवरोध उत्पन्न होता है ।इसलिए शरीर पर किसी तरह का लेप ना लगाएं साबुन तेल मालिस न करें और किसी भी तरह का श्रृंगारर करना मना है इसको एक एक्सपेरिमेंट से देख सकते है आप सामान्य दिनों में एक फूल की माला अपने गले में या बालों में पहन लें वह माला ज्यादा देर तक ताज़ा रहेगी मासिक धर्म मे वही माला सामान्य दिनों से जल्दी मुरझा जाएगी ।Winter skin care tips I सर्दियों में ये नुस्खे आपके त्वचा और शरीर के लिए जादू का काम करेगे

तेज आवाज से बचना चाहिए

जोर जोर से हसने से बचना चाहिए कोई जोर जोर से बोलता है उससे भी बचना चाहिए ।क्योकि ज्यादा क्रियाशील रहने से वात दोष बढ़ेगा और हमारा गर्भाशय वात के एरिया में आता है इसलिए हमे कम से कम एक्टिविटी करनी चाहिए ।आयुर्वेद के अनुसार ममाहवारी के दिनों में ज्यादा भागदौड़ करने से वात दोष बढ़ जाता और उससे धातुएं सूखने लगती है शरीर कमजोर होने लगता है शरीरर का रंग भी डार्क होने लगता है।इंद्रियां कमजोर होने लगती है ।आजकल आधुनिकता की दौड़ में अच्छी चीज को भी अन्धविश्वाश का नाम दे दिया जाता और हम बहुत आसानी से मान भी लेते हैं Crack heels homemade remedy | best crack heels home remedy at home in hind

आजकल advertising कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए उलटी सीधी बातें बताकर अपने प्रोडक्ट तो बेच लेती है पर हमारी सेहत का राम नाम सत्य कर देती । पीरियड्स के दौरान सेनेटटी पैड के प्रचार के लिए लड़कियो को दौडना चहिए एक्टिव रहना चाहिए इस दौरान ये सव गलत चीजें बताई जाती है ।वो हर चीज जो हमारे पूर्वजों ने बताई है वो गलत नही हैं हमारे पूर्वज हमसे कहीं आगे थे विज्ञान के मामले में ।

महवारी के दिनों में क्या करें

आराम करना चाहिए

लड़कियों और महिलाओ की जिंदगी आराम की कोई जगह नही होती खाशकर छुट्टियों के दिन कोई न कोई आ जायेगा चाहे मेहमान हो या रिश्तेदार वो पूरा दिन घर के कामों में लगी रहेगी।इसलिए उन तीन दिनों में उन्हें पूरी तरह आराम करना चाहिए। और किसी तरह की एक्टिविटी जितना कम करेगे आपके लिए उतना अच्छा होगाऔर चौथे दिन वो एकदम फ्रेश रहेगी उनके शरीर को आराम मिल चुका होगाrose health benefits and use|गुलाब के फूल के अद्भुत फायदे और उपयोग

भोजन में क्या खाएं

भोजन ऐसा हो जो माहवारी को अच्छे से होने में मदद करे ।घी और चावल खा सकते हैं। जौ जिसका संस्कृत नाम यव है और अंग्रेजी में बार्ली कहते है इसको खाने में ज्यादा से ज्यादा रखिये

जौ से माहवारी बहुत अच्छे से आती है कई लोगो को बहुत कम स्त्राव होता है किसी को बहुत ज्यादा स्त्राव होता है तो इस स्त्राव को बैलेंस करने के लिए जौ एक बहुत अच्छी दवा है

दूसरा फायदा है की जौ शारीर को पतला (slim) करती है इसलिए भी जौ का सेवन करना चाहिए बहुत सी महिलाये मोटापे से परेसान रह्त्ती है उनके लिए जौ और भी अच्छा है

जौ गर्भाशय को साफ करता है जब माहवारी के दिनों में जौ खाते है तो और अच्छे से गर्भाशय साफ होगा

शुभ चिंतन कीजये

अच्छी अच्छी चीजें सोचिये इसके लिए सोशल मीडिया किनारे रखिये और मेडिटेशन कीजिये माहवारी के दौरान मेडिटेशन सबसे अच्छी चीज है माहवारी के समय गुस्सा चिडचिडा इन सबमे मेडिटेशन बहुत मदद करता है दर्भ और कुश की चटाई पर सोइए नाकि गद्देदार बिस्तर पर दर्भ और कुश बहुत ही पवित्र औषधियां मानी जाती है और माहवारी के दौरान ये बहुत फायदेमंद होती है इन दिनों में योगासन और व्यायाम नजरअंदाज करें ।हा मूड स्विंग चिड़चिड़ापन हो इस समय तो मैडिटेशन करें उससे मदद ,मिलेगी

३ दिन के बाद चौथे दिन अच्छे से पुरे शारीर सर से लेकर स्नान किजिये और जो शादीशुदा महिलाएं है इसक बाद ही अपने पति का दर्शन करें

अब ऐसा क्यों कहा गया है शादी शुदा महिलाएं चौथे दिन ही पति का दर्शन करें ।इसके पीछे ये वैज्ञानिक कारण है कि माहवारी के दौरान महिलाएं बहुत ज्यादा चिड़चिड़ी हो जाती उनका मूड स्विंग होता रहता ऐसे में कुछ भी बोल जाना गुस्सा होना ये सब दाम्पत्य जीवन मे बाधा उत्पन्न करता है।इसलिए ऋषियो ने चौथे दिन पति के दर्शन कि बात कही क्योकि चार दिन में औरत पूरी तरह से नई ऊर्जा के साथ होती और एकदम तरोताजा रहती जो उसके दाम्पत्य जीवन के लिए बहुत जरूरी है

जब आप ये सब नियम का पालन करती है तो आपको भविष्य में बहुत सारे रोगों से बच सकती हैं और एक खुशहाल जीवन जी सकती हैं

अब सवाल है उठता है जो वर्किंग वीमेन हैं वो कैसे करें इस दिनचर्या का पालन उनको तो आफिस जाना भी जरूरी है और अगर घर मे अकेले तो काम करना भी जरूरी है आजकल एकल परिवार ही हैं ज्यादा तो जो वोर्किंग महिला है वो इतन क कर ले की इन दिनों कम से कम भागदौड़ करें जितना कम श्रम करेगे तो उतना अच्छा है अगर बैठकर करने वाला काम करले तो बेहतर है ।

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