acidity problem solution |एसिडिटी के घरेलु उपाय

एसिडिटी ऐसे बीमारी है जो लोगो को दिखने में छोटी लगती है पर ये बीमारी साधारण एसिडिटी से लेकर बाल झड़ने कैंसर बांझपन ( infertiility )जैसे बिमारियों का बहुत बड़ा कारण है .एसिडिटी को आम बोलचाल की भाषा में अम्ल पित्त कहते हैं कुछ लोग सोचते हैं केवल सीने में जलन हो रहा रहा है .कुछ लोगों को सालों साल जिन्दगी भर एसिडिटी रही है और उसकी वजह से बहुत सारी बीमारियाँ हो गई हैजब भी किसी व्यक्ति को एसिडिटी की शिकायत होती है तो उसे अनेक तरह की परेशानियां होने लगती है। रोगी सही से भोजन नहीं कर सकता, साथ ही पेट के दर्द से भी परेशान रहता है। प्रायः देखा जाता है कि एसिडिटी से पीड़ित होने पर रोगी आस-पास की दुकानों से दवा खरीदकर खा लेता है, लेकिन इसके बाद भी मरीज को एसिडिटी से आराम नहीं मिलता।

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एसिडिटी क्या है

सीने में जलन होना खट्टा-खट्टा पानी आना इसे हम एसिडिटी कहते हैं ऐसे में हम कोई गोली खा लेते है antacid खा लेते है टीवी का विज्ञापन देखकर कोई भी लिक्विड पी लेते है वो पिने के बाद तुरंत एसिडिटी बंद हो जाती है हम सोचते हैं बीमारी ख़तम हो गई .बस यही से परेशानी शुरू होती है बड़ी से बड़ी बीमारी के पीछे भी ये एक गलती है जो एसिडिटी हुई है उसे दबा देना ठीक न करना ।

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ये बीमारी क्यों हो रही है कौन कौन से बीमारी का कारण बन रहा है

आयुर्वेद के अनुसार जब भी अग्नि मंद होती है पाचन कमजोर होता है उस समय हमारे शरीर में अम्ल ज्यादा बनता है और एसिडिटी होती है .आयुर्वेद के अनुसार सीने के ऊपर का एरिया कफ का है ।एसिडिटी सिर्फ पित्त का रोग है लोग ऐसा समझते है पर आयुर्वेद के अनुसार एसिडिटी कफ और पित्त दोनों का रोग है इनके मिस्श्रण से है और जब भी हमारी अग्नि कमजोर होगी और द्रव्य अंश ज्यादा बढ़ेगा उसकी वजह से हमें जलन और दुनिया भर की तकलीफ होती है

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क्यों होती है एसिडिटी आयुर्वेद के अनुसार आप जो भी खाना खाते है जाठराग्नि में उसका पाचन होता है उसके बाद दो भागो में बंटता है पहला सार(nourishment) भाग जो काम की चीज है दूसरा किट (waste)भाग जो काम की चीजें नही है जैसे मल मूत्र बनता है

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धातु कैसे बनती है

जब आपके सार भाग का पाचन होगा तो पहली धातु बनेगी रस (प्लाजमा).फिर रस का पाचन होकर रक्त धातु बनेगी फिर रक्त का पाचन होकर मांस धातु बनेगी मांस का पाचन होकर मेध (फैट)धातु बनेगी उसके बाद फिर मेध का पाचन होकर अस्थि(bones)धातु बनेगा अस्थि से मज्जा धातु और फिर मज्जा से शुक्र धातु बनता हैइस तरह से हमारे शारीर में धातु बनने का काम चलता है

acidity problem solution |एसिडिटी के घरेलु उपाय
सप्त धातु मानव शरीर की

एसिडिटी कैसे सभी धातुओं में पहुचता है

एसिडिटी में सबसे पहले आपकी जठर अग्नि डाउन होगी तो जठर अग्नि खराब हुई तो जो आपका पाचन होगा वो एसिडिक होगा .जो भी खायेगे वो एसिडिक को जाएगा ।और यही से सुरु होगा एसिडिटी का क्रम ।इसके बाद जो भी धातु बनेगी उन सबमे ये एसिड पहुचेगा।

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रस धातु में एसिडिटी और उसके नुकसान

पहले रस धातु में जायेगा एसिड अगर एसिड रस धातु में गया तो जोड़ो का दर्द (joinet pain) होगा खाना न हजम होने के कारन आम वात जैसे परेसानी होगी कुछ काम करने का मन नही करेगा बिना काम किये आलास होगा खाना खाने का मन नही करेगा अगर ये सब लम्बे समय तक होगा आगे जाकर जवानी मे ही बाल झड जाना सफ़ेद हो जाना.ऐसी परेसानी आएगी ।

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महिलाओ में मासिक धर्म में परेसानी आयेगी आपका जो वजाइनल एरिया में या योनिद्वार के एरिया में बहुत ज्यादा जलन होना सफ़ेद पानी जैसे तकलीफ होंना या मासिक धर्म आने में जलन होना गर्मी लगना या बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना ये सब परेशानी आयेगी ।

रक्त धातु में एसीडिटी और उसके नुकसान

अब ये रस से रक्त में जायेगा तो शारीर मे से खून निकलने ब्लीडिंग होना रक्त पित्त जैसे बीमारी ब्लीडिंग कोढ दाग कुष्ठ जितनी भी त्वचा से संबंधित परेसानी डिसऑर्डर हम जानते है वो सब परेशानी होगी स्किन डिसऑर्डर में कुछ भी लगाकर उपरी एप्लीकेशन करके ठीक नही हो सकते जब तक रक्त पित्त की समस्या का समाधान नही करते हैं ये एसिड आपके खून(ब्लड) में गया आपका खून (blood)acidic हुआ

और अब ये एसिडिक खून आपके शरीर में जहां जहां जायेगा वह पर सोरैसिस एग्जिमा फंगस जैसे इन्फेक्शन होगा । पिम्पल जैसे परेशानी होगी ये सब भी रक्त पित्त की परेशानी से होगा .पीपल्स की शुरुवात पेट से होती है रक्त खराब होता है कफ और वात से जब तक ये ठीक नही हुआ तब तक जितना भी क्रीम लगा ले आराम नही मिलेगा ये सारी चीजें परेशानी करेंगी

मांस धातु में एसीडिटी और उसके नुकसान

तीसरी धातु मांस धातु पर आने पर ये ट्यूमर जैसी बीमारी होने में भी कही न कही जिम्मेदार होगा ।

मेध धातु में एसीडिटी और उसके नुकसान

मेध धातु में जाती है तो पसीने में बदबू आना कपड़ो पर दाग लगना पसीने का ये सब परेसानी होगी

अस्थि धातु में एसीडिटी और उसके नुकसान

मेध धातु के बाद अस्थि धातु बनेगी उसमे प्रवेश करेगा तो सभी तरह के joint पैन होन back pain होनाइस तरह की परेसानी आएगी कई लोग कैल्शियम के सप्लीमेंट खाते रहते है दर्द के लिए और बॉडी में कैल्शियम पड़ा हुआ रहता है ज्यादा कैल्शियम है फिर भी जोड़ों का दर्द और हड्डियां कमजोर हो रही है उसका ये कारन है कैल्शियम का मेटाबोलिज्म सही नही जिसकी वजह से कैल्शियम की टेबलेट खाकर भी joint पैन नही जाता

मज्जा धातु में एसीडिटी और उसके नुकसान

अस्थि धातु से मज्जा धातु बनेगी जब वो एसिड मज्जा धातु में जायेगा और आँख और ब्रेन पर इफ़ेक्ट करेग आँखों की प्रॉब्लम होना ब्रेन से संबंधित परेसानी याददास्त (memory)से संबंधित परेशानी बेचैनी होना चिंता होना .उसमे कोई भी दवा काम नही करेगी क्योकि कारन कोई और है । एसिडिटी की वजह से ये सारी समस्या आ रही है

शुक्र धातु में एसीडिटी और उसके नुकसान

अंत मे आती है शुक्र धातु जब ये एसिड शुक्र धातु में जायेगा तो

जवानी में ही premature स्पर्म निकलने जलन होना स्पर्म में से दुर्गन्ध आना स्पर्म काउंट कम होना रिलेशन शिप बनाते समय बहुत ज्यादा जलन होना ये सब समस्या आएगी ।ये एसिड आपके पेशाब(urine) में गया तो पेशाब में जलन होना ये एसिड मल में गया तो मल मार्ग में जलन होना ये अधोगतअम्ल पित्त है

पसीने से दुर्गन्ध आना ये सब परेसानी एसिडिटी के कारन होती है और इस एसिडिटी के इलाज में हम इतनी लापरवाही करते है कभी एंटीएसिड कैप्सूल या फिर सोडा पीनाले लेते है .और ये सब टेबलेट कुछ समय के लिए रोग को दबा देता है पर जो मुख्य परेशानी है उसको सही नही किया .अगर आपको कोई भी बड़ी बीमारी है और उसक साथ एसिडिटी है तो पहले एसिडिटी का टका इलाज करिए ।

एसिडिटी में दवा या एंटाऐसिड लेने के साइड इफ़ेक्ट

जब आप सोडा पीते है सोडा बाइकार्ब या कोई भी अन्य पदार्थ लेकर कम करते है तो वो आपके शारीर में जो एसिड बनी हुई है वो सोडा हमारे एसिड को डाइल्यूट कर देता है जो की टेम्पररी आराम देगा।बीमारी जो कि मंद अग्नि के के कारण हुआ थी उसे ठीक नही किया .इसलिए आप देखेगे की जैसे ही एटा एसिड का प्रभाव कम होता है तो रिबाउंड एसिडिटी या तुरंत एसिडिटी होने लगती है

कई दिनों तक ऐसा होता है ज्यादा मात्रा में एंटा एसिड लिया जाये तो बॉडी रिबाउंड एसिडिटी पैदा करता है और ज्यादा ,मात्र में एसिड पैदा करता है लोग जिन्दगी भर गोली खाते है और ये एसिड बाद में अल्सर और कैंसर के रूप में शारीर में वापस आता है

अगर आपको एसिडिटी हो रही है तो किसी गोली पाउडर सोडा से दबाने की कोसिस न करें सबसे पहले उस एसिडिटी को जड़ से ठीक करें उसके लिए आयुर्वेद के पंचकर्म में वामन सर्वश्रेठ तरीका उसे उसे जरुर करिये ये एसिडिटी को जड़ से ख़तम करने का कम करती है

अब बात करते है घरेलु नुस्खों के बारे में

घरेलू नुस्खे एसिडिटी के लिए

सौंठ से एसिडिटी का इलाज

अगर आपको तुरंत आराम चाहिए तो उसके लिए आयुर्वेद कहता है आपके घर पर जो सोंठ है वो सबसे उत्तम दवा (medicine) है क्योकि सोंठ का गुण दीपन और पाचन करती है अग्नि को बढ़ाती है पाचन को सही करती है
कफ केकेकारण लिक्विड जब बढ़ जाता है तो सोंठ वह का ज्यादा मात्र में जो लिक्विड होती है कफ है वो उसे सुखाकर एसिड को कण्ट्रोल करती देती है

अगर आपने बहर का उटपटांग कुछ खाया और आपको एसिडिटी हो रही है तो उस समय सोंठ का प्रयोग जरुर करें सोंठ गरम है अगर बहुत तीखा तला खाए हैं, तो सोंठ के साथ आवला मिला लीजिये एक चम्मच अवला में दो तिन चुटकी सोंठ मिलाकर खाना खाने के बाद खा ले ये चाहे घर का खान या बाहर का खाने से एसिडिटी ही ही आराम देगा

अदरक से एसिडिटी का इलाज

सोंठ अदरक से बनती आयुर्वेद में ऐसा कहा गया है भोजन करने से पहले थोड़ी मात्रा में अदरक और एक चुटकी सेंधा नमक् खाए तो अग्नि प्रज्ज्वलित होती है और ये पाचन सम्बंधित और एसिडिटी ये सब रोग होते ही नही हैं तो आप खाना खाने से पहले थोड़ी मात्रा में अदरक और सेंधा नमक मिलाकर चबा चबाकर खा ले या फिर भोजन के बाद सोंठ और अवला का सेवन कर सकते हैं

ये बीमारी की जड़ों पर जाकर काम करेगी और आपको वास्तव में आराम देगी .

सौंफ से एसिडिटी का इलाज

सौंफ को खाने से पहले चबा चबा कर खाना है आधा चम्मच क्योकि सौंफ को आयुर्वेद में दिपनिया कहा गया है अर्थात अग्नि को तेज करेगी पाचन को बढ़ाएगी

अजवाइन

अजवाइन दीपनीय और पाचनीय है ये भूख बढ़ाता भी है पचाता भी है आधा चम्मच अजवाइन को घी में सेकना है इससे अजवाइन की गर्मी नियंत्रित रहेगी घी भी पाचन में मद्दद करता है आधा चम्मच अजवाइन कोआधा चम्मच घी में सेंक ले इसमें सेंधा नमक एक चुटकी डाल ले और चबाचबा कर खाए इससे एसिडिटी तुरंत कण्ट्रोल होने लगती है १५-से 20 दिन तक ये दवा ले सकते हैं

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