Arthritis|gathiya ka ghrelu upchar jad se puri trh se thik krein.

गठिया को artherities और संधि सोध के नाम से जाना जाता है वैसे तो ये दो प्रकार का होता है , ऑस्टियो अर्थराइटिस(Osteoarthritis)जिसे अस्थि संधि सोध कहा जाता है दूसरा  रूमेटाइट अर्थराइटिस(Rheumatoid Arthritis) जिसे आम वात के नाम से जाना  है।परंतु इन्ही दो प्रकार के गठिया से सौ प्रकार का गठिया बन जाता है | ये पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है ऐसा नहीं है की पुरुषों को नहीं होता परंतु महिलाओ को ज्यादा होता है और उन महिलाओं को ज्यादा होता है जिनका वजन ज्यादा होता हैं

इस आर्टिकल मे मैं जो भी उपाय बताऊँगी वो किसी भी तरह के गठिया को जड़ से खत्म कर देगा ।

गठिया के लक्षण (Symptoms Of Arthritis)

कुछ रोगियों के एक जोड़ में सूजन होती है अकड़ाहट होती है कुछ रोगियों के सभी जोड़ों में सूजन होता शरीर के हर जोड़ में सूजन दर्द अकड़ाहट गर्मी और लालीपन होता है और यहां तक की कई रोगियों को बुखार भी हो जाता है और चलने फिरने में असमर्थ हो जाते है । कई लोगों के जोड़ों में गांठे बन जाते है या जोड़ टेढ़े हो जाते है ज्यादा तर लोगों को सुबह और रात के टाइम दर्द ज्यादा होता है क्योंकि सुबह और रात को वायु का प्रकोप ज्यादा रहता है ठंड के दिनों में गठिया के रोगियों के बहुत ज्यादा परेशानी होती है सूजन हो जाती है दर्द होता है चलने फिरने में असमर्थ हो जाते है या फिर कहीं ठंडी जगह चले गए तो उनका दर्द बढ़ ज्याता है ।A.C में भी बैठ गए तो दर्द बढ़ जाता है

कारण :

अब जानते है गठिया होता क्यों है

ऑस्टियो अर्थराइटिस क्यों होता है

जब हमारे जोड़ों मे किसी वजह से चोट लग जाए या संक्रमण के कारण हमारे जोड़ों मे हड्डियों में पोशक तत्व जैसे मिनरल्स विटामिन calcium फास्फोरस कम हो जाते है जिनकी वजह से हमारे जोड़ कमजोर हो जाते है सूजन हो जाते है उस वजह से ऑस्टियो अर्थराइटिस हो जाता है ऑस्टियो अर्थराइटिस उम्र के साथ हो तो कॉमन है पर बिना उम्र के भी होने लग रहा जैसे बच्चों में और जवान लोगों को हों रहा है पहले 60 के बाद देखा जाता था अब तो बहुत कम उम्र में हो जाता है |

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रूमेटाइट अर्थराइटिस(Rheumatoid Arthritis) जिसे आम वात कहते है वो क्यों होता है ?

हमारे जोड़ों हमारी हड्डियों के जोड़ों में ऊतक पाए जाते हैं। इन्हीं ऊतकों में से एक ऊतक जिसे कार्टीलेज के नाम से जाना जाता है वह हड्डियों के जोड़ों की फंक्शनिंग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जब व्यक्ति के शरीर में हलचल होती है अर्थात वह चलता है तो उसके जोड़ों पर काफ़ी दबाव पड़ता है। कार्टीलेज ऊतक ऐसी स्थिति में उस दबाव और प्रेशर को अवशोषित कर लेता है और हड्डियों को डैमेज होने से बचाता है। जब शरीर में कार्टीलेज उत्तकों की मात्रा में गिरावट होने लगती है तो ऐसे में शरीर गठिया का शिकार होने लगता है। इस प्रकार अर्थराइटिस का एक कारण शरीर में कार्टीलेज उत्तकों की कमी का होना है। हमारे जोड़ों में जो फ्लूइड होता है जिससे चिकनाहट बनी रहती है मगर किसी कारण वश जैसे कोई बीमारी रोग के कारण हमारी रोग प्रतिरच्छ प्रणाली में गड़बड़ी आ जाती है और यह रोग प्रतिउरच्छ प्रणाली हमारी इन्ही ऊतकों पर हमला कर देते है जिसकी वजह से ऊतक कमजोर हो जाते है और इसक जोड़ के एण्ड जो फ्लूइड हो जाता है वो कम हो जाता है सुख जाता है जिसकी वजह से सूजन या जाती है उठने बैठने चलने फिरने में असमर्थता हो जाती है

जैसे कुछ बीमारी जैसे चिकनगुनिया में लोग ठीक तो हुए पर आज तक परेसान है इसमे सिर्फ आयुर्वेद ही आपकी मदद कर सकता हैं

इस तरह के रोगों के बाद जब जोड़ों में दर्द होता है वो भी एक तरह का गठिया ही माना जाता है टेस्ट में गठिया भले ही न आये पर होता वो गठिया ही है ।

गठिया का कारण

गठिया किसी भी तरह का हो ये वात प्रधान रोग है हमारे खान पान और रहन सहन से इसका बहुत बड़ा रोल है । हमारे शरीर मे तीन दोष प्रधान है वात पित्त कफ किसी को कफ की वजह से किसी को पित्त की वजह से किसी को वात की वजह से होता है परंतु जोड़ों का दर्द वात प्रधान रोग है मतलब वात बिगड़ने से ये रोग होता है ,ये तीनों वात पिट कफ जब बिगड़ते है तो दोष बन जाते है वैसे ही हमारे शरीर में वायु का बहुत बड़ा रोल है ये ही हमारे पुरे बॉडी मे ब्लड के फ़्लो को नियंत्रित है खून के दौरे को बनाए रखती परंतु जब ये बिगड़ती है तो उतने ही ज्यादा रोग लेकर आती जिसमे से एक प्रमुख रोग है गठिया । जब हम खान पान रहन सहन गलत करते हैं तो हमारा वात दोष बढ़ जाता है और वो हमारी हड्डियों को जोड़ों और नसों को कमजोर कर देता है और फ्लूइड को सुखा देता है जिसकी वजह से जोड़ में सूजन हो जाती है गठिए की बिमारी तंग करती है

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जब शरीर गरम और ठंड होता है तो ये परेसानी हो जाती है जैसे शरीर गरम है और तुरंत नहा लेता है आदमी जैसे एक्सर्साइज़ करके आये है और तुरंत नहा लिए ये एक्सरसाईज करने से बॉडी गरम रहती है तुरंत ठंडे पानी से नहाने से ठंड गरम से या मेहनत का काम करके आ रहे है शरीर एकदम गरम है और फ्रिज का ठंडा ठंडा पानी पी लेते है तो उससे शरीर के नसों में जोड़ों में कमजोरी आ जाती है और सूजन हो जाती है जिसकी वजह से गठिया की सिकायत हो जाती है

यूरिक एसिड

तीसरा कारण है हमारे शरीर में यूरिक ऐसिड बढ़ जाता है जिसकी वजह से जोड़ों में सूजन या जाती है उर गठिया की प्र परेशानी होती है

आनुवंशिक

अगर परिवार में किसी को गठिया की शिकायत है तो आगे बच्चे को भी गठिया की शिकायत हो सकती है

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अगर किसी बच्चे को चोट लग जाती है या किसी बैक्टिरिया या वायरस या फंगल इन्फेक्शन के कारण जोड़ों में सूजन हो जाती है और गठिया तंग करती है

Autoimune

Autoimune के कारण ये autoimmune बीमारी बोली जाती है जिसमे रोग प्रतिरोधक छमाता प्रणाली में गड़बड़ी या जाती है और जोड़ों में सूजन हो जाती है ,और गठिया से परेशानी होती है और भी कारण है परंतु इस आर्टिकल में अभी इतना

गठिया का घरेलू उपचार

गठिया किसी भी तरह का हो आप एक्सरसाइज से इम्यून पावर बढ़ा कर ठीक कर सकते हैं

योग से ठीक कर सकते हैं

मालिश से ठीक कर सकते है

औषधियों के भाप से ठीक कर सकते है

खाने वाली औषधि

गठिया के लिये काढ़ा

एक इंच अदरक का टुकड़ा एक इंच कच्ची हल्दी का दो कालिया लहसुन का ले ले इन सबको अच्छे से कूट ले और एक गिलास पानी में पकाकर आधा गिलास पानी जब रह जाए तो उस पानी को छानकर सुबह दोपहर शाम खाना खाने के बाद इस्तेमाल करें जो लोग इसमे नामक डालना चाहते हैं तों सेंधा नमक डाल ले और जो लोग मीठा डालना चाहते है तो हल्का से शहद डाल लें । बस तैयार है आपका काढ़ा ।इसका इस्तेमाल करने से किसी भी तरह का गठिया हो वो जड़ से खतम हो जाता है

गठिया के लिए मालिश

लाल मिर्च पूरी दडी समेत दस ग्राम लहसुन की कालिया समेत 10 ग्राम अदरक 10 ग्राम कच्ची हल्दी 10 ग्राम और अदरक भी अजवाइन 10 ग्राम इनको आपको 200 ग्राम तिल के तेल में अच्छे से गरम करना है और लगभग सभी सामग्री अच्छे से तेल में बबून जाए धीमी आंच पर और उनका अर्क आ जाये तेल में तो छान लीजिए उस तेल को अपने सुबह शाम मालिश करना है हल्की सी गरम पट्टी य कपडा लपेट कर 10 -15 मीनट रहने दे उसके बाद हटा दे और फिर जैसे मर्जी वैसे रहे कोई परेशनी नहीं

किसी भी तरह का गठिया सूजन जोड़ टेढ़े हो रहे है उसक लिए रामबाण औषधि है ।

आयुर्वेदिक औषधियों में

गोंद कुंदरु 50

शुद्ध गूगल 50 ग्राम

इन दोनों को बराबर मात्र में ले पीसकर पाउडर बना ले और एक चम्मच सुबह शाम गरम दूध के साथ ईस्तेमाल करें इससे गठिया किसी भी तरह का है तो जड़ से खत्म हो जाता है

या फिर इस पाउडर को एक कप पानी में एक चम्मच पाउडर डालकर उबाल लें जब पानी आधा रह जाए तो छान ले और जरूरत अनुसार मीठा य नमक मिलाकर सुबह शाम खाने के बाद इस्तेमाल करने से किसी भी तरह की गठिया खत्म हो जाता है

सिकाई

सिकाई के लिए आपको 2गिलास या 3 गिलास पानी ले ले उसमे 10 ग्राम फिटकरी 10 ग्राम सेंधा नमक डालकर अच्छे से उबाल ले मतलब एक एक चम्मच पाउडर लेकर अच्छे से उबाल ले और जब हल्का गरम रह जाए तो जहा भी दर्द है सूजन है तो कपड़े से सिकाई करने से आपका गठिया जड़ से खत्म हो जाएगा

मालिश का तेल

महानारायन का तेल महाविषगर्भ तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर मालिश करें

परहेज

बिना परहेज के कोई भी दवा असर नहीं करती ये तो वैसे ही हो गया की घर में पानी भर गया है आप नल नहीं बंद कर रहे बस पानी निकले जा रहे तो क्या कभी पानी निकलेगा नहीं वो भरता ही जाएगा वैसे ही बीमारी में अगर परहेज नहीं करेगे तो बीमारी सही नहीं होगी। और ये बीमारी भी खान पान की गड़बड़ी से ही हुई है तो परहेज तो करना ही पड़ेगा

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फ्रीज का ठंडा पानी फ्रिज का खाना बिल्कुल भी छोड़ दीजिए

गरम पानी का सेवन करें गरम पानी किसी भी तरह के दर्द को खत्म करने में फायदेमंद है ।

कहना जब भी खयरिं चबा चबा कर खाएं ताकि अच्छे से पाचन हो सके

फास्ट फूड प्रोसेस्ड फूड का सेवन बंद कर दे बिल्कुल

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