jyada paani pine ke nuksaan
अति सर्वत्र वर्ज्यते ये एक लाइन ये समझाने के लिए काफी है की किसी भी चीज का ज्यादा सेवन नुकसानदेह है चाहे वो अमृत ही क्यों न हो
आप ऐसे हजारों वीडियो और आर्टिकल देखे होंगे जिसमे लोग बताते नजर आयेगे खूब पानी पीजिये कोई कहेगा दिन में 8 गिलास पीजिये कोई कहेगा 10 गिलास पानी पीजिये .पानी पीना तो एक फैशन ही बन गया है ज्यादा पानी पियेगे तो स्किन सॉफ्ट होगी गोरी होगी और न जानें क्या क्या .परन्तु क्या आप जानतें है ज्यादा पानी पीना कितना खतरनाक हो सकता है .आप कोमा में जा सकते है आपकी मौत भी हो सकती है . लोग कहेगे पानी भी किसी को नुक्सान कर सकता है क्या उससे क्या नुक्सान ?.आयुर्वेद हो या आधुनिक विज्ञान (modern science ) आप कहीं भी सर्च कर लें ज्यादा पानी पिने से बहुत लोगों की मृत्यु हुई है और उनमे ज्यादातर एथलिट्स है .
क्या ज्यादा पानी पीना हमारे लिए सही है? आपको बता दें कि आपके शरीर के सभी सिस्टम ठीक से काम करें इसके लिए सही मात्रा में पानी पीना जरूरी होता।किसी भी चीज का सेवन ऊतना ही करना चाहिए जितना की मांग हमारा शारीर करता है .आपको शायद नही पता होगा हमारा शारीर खुद एक डाक्टर है .उसको जब जिस चीज की जरूरत होती है जितनी मात्रा में जरूरत होती है उतनी ही मात्र में वो खुद मांगता है .जब हमें प्यास लगती है तो हमारा शरीर पानी मागता है उस वक़्त उतना ही पानी पिए जितना से प्यास बुझ जाये न की किसी ने बोल दिया दिन में 10 गिलास पानी पीना तो पूरा दिन इसी काम में लगे है 10 गिलास पानी पूरा पिए.आयुर्वेद कहता है बहुत ज्यादा प्यास लगती है तब भी जितना जरूरी हो उतना ही पानी पियें
सही मात्रा में पानी पीने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। जैसे: यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है, कब्ज को रोकता है, विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है। सभी प्रमुख शारीरिक कार्य करता है। यह हमारे शरीर को संतुलित और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है, लेकिन ज्यादा पानी पीना, आपके और हमारे शरीर के लिए जहर के समान हो जाता है यानी नुकसान पहुंचाता है। ज्यादा पानी पीने से व्यक्ति ऑवरहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है।ज्यादा पानी पीना कफ और पित्त की 60 से ज्यादा बीमारियाँ करता है.
पानी पीने के नुकसान :
ज़रूरत से ज़्यादा पानी पीने से किडनी पर ज्यादा दबाव पड़ता है।
पानी के ओवरडोज़ से शरीर के सेल्स डैमेज होने की संभावना रहती हैं।
जिन मरीज़ों की बाय-पास सर्जरी हुई है, उनमें से कुछ केस में डॉक्टर्स पानी कम पीने की सलाह देते हैं।
जरूरत से ज्यादा पानी पीने से पाचन की अग्नि शांत कर देता है .हमारा पाचन बिगड़ जाता है .
डॉ. अनुराग शाही के अनुसार, ज्यादा पानी पीने से शरीर में नमक और इलेक्ट्रोलाइट की मात्रा कम हो जाती है। इससे वॉटर इंटोक्सिकेशन नामक बीमारी हो जाती है। पेट फूल जाता है और बार-बार उल्टी आती है। इसके कारण सिर दर्द भी होता है। स्थिति बिगड़ने पर मरीज बेहोश हो सकता है। उसे मिर्गी का दौरा पड़ सकता है। यहां तक कि वह कोमा में भी जा सकता है। हार्ट फेल हो सकता है। गुर्दे काम करना बंद कर सकते हैं।यह स्थिति डायबिटीज के मरीजों के लिए और खतरनाक बन सकती है।
ज्यादा हाइड्रेड होने से शरीर में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे की पौटेशियम, सोडियम और मैग्नेशियम का संतुलन बिगड़ सकता है। ये ही चीजें हमारी किडनी से लेकर हार्ट फंक्शन तक हर चीज का संचालन करती हैं। ऐसे में ज्यादा पानी पीने से शरीर में इनका संतुलन बिगड़ सकता है और आपका शरीर सही तरह से काम करना बंद कर सकता है। अगर आप ज्यादा शारीरिक श्रम करते हैं और गर्मी के मौसम में बाहर भागदौड़ करते हैं तब आपको ज्यादा पानी पीना जरूरी है, नहीं तो अपनी प्राकृतिक प्यास के आधार पर ही पानी पीएं।
आपको पता होना चाहिए कि अगर आपके पेशाब का रंग गहरा होता है तो यह डीहाइड्रेशन के लक्षण है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप इतना पानी पीएं की आपके पेशाब का रंग एकदम साफ हो। हाइड्रेशन का हेल्दी स्तर तब होता है जब आपके पेशाब का रंग हल्का पीला हो। अगर आपके पेशाब का रंग एकदम साफ है तो इसका मतलब है कि आप जरूरत से ज्यादा हाइड्रेड हैं और आपको अपने पानी पीने की मात्रा को कम करना चाहिए।
ज्यादा पानी पीने से आपको हाथ, पैर और होठों पर सूजन आ सकती है।
महिलाएं जरूरत से ज्यादा पानी पीती हैं तो उनमें हार्मोंस गड़बड़ा सकते हैं। ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है। सांस लेने में परेशानी हो सकती है। साथ ही मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन हो सकती है। बुजुर्गों के लिए ज्यादा पानी पीना और नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि उन्हें बार-बार बाथरूम जाना पड़ सकता कुछ मामलों में अधिक मात्रा में तरल पदार्थ के इस्तेमाल से कुछ गंभीर लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे:
- रक्तचाप (blood pressure) में वृद्धि।
- उलझन
- दोहरी दृष्टि
- झपकी
- सांस लेने मे तकलीफ
- मांसपेशियों में कमजोरी और ऐंठन
- ज्यादा पानी पीने से किडनी की अतिरिक्त पानी पचाने की क्षमता कमजोर हो जाती है।
- अतिरिक्त पानी पीने से हाइपोनैट्रिमया का विकास होता है।
मस्तिष्क में अधिक द्रव संचय को मस्तिष्क शोफ (Cerebral Edema) कहा जाता है, जो मस्तिष्क स्टेम को प्रभावित कर सकता है और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) की शिथिलता का कारण बन सकता है। गंभीर मामलों में, जल इंटॉक्सकेशन दौरे का कारण बन सकता है, मस्तिष्क की क्षति, कोमा और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
क्या अधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन घातक हो सकता है?
अभी तक ज्यादा तरल पिने के कारण मौतों के जो मामले सामने आए हैं। यह ज्यादातर सैनिकों और एथलीट लोगों में पाया जाता है, जो निर्जलीकरण से बचने के लिए ज्यादा पानी पीते हैं। एक रिपोर्ट में 17 सैनिकों का जिक्र किया गया है, जिन्होंने पानी के अधिक सेवन के परिणामस्वरूप हाइपोनेट्रेमिया विकसित किया। उनके रक्त में सोडियम का स्तर 115 से 130 mmol / L तक था, लेकिन सामान्य श्रेणी 135-145 mmol / L है।
एक अन्य रिपोर्ट से पता चलता है कि कैसे हाइपोनेट्रेमिया और सेरेब्रल एडिमा के कारण तीन सैनिक मारे गए और ये मौतें कुछ ही घंटों में 2.5-5.6 गैलन (10-20 लीटर) पानी पीने से हुई थी
कितना पानी पीने की आवश्यकता है?
वास्तव में आपको एक दिन में कितना पानी पीना जरूरी होता है, इसके लिए कोई विशेष मात्रा नहीं है। यह हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग है।
- कुछ लोग अभी भी 8 x 8 नियम का पालन करते हैं, जो प्रति दिन आठ 8-औंस पानी पीने की सलाह देते हैं। हालांकि, यह नियम ज्यादातर मनमाना है और अनुसंधान पर आधारित नहीं है।
- यह निर्धारित करने के लिए कि आपको पानी पीने की कितनी जरूरत है, यह आपको अपने शरीर के वजन, शारीरिक गतिविधि स्तर और जलवायु को समझने की जरूरत है।
- इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन (IOM) का मानना है कि पुरुषों के लिए प्रति दिन पानी की पर्याप्त मात्रा 125 औंस (3.7 लीटर) है, जबकि महिलाओं के लिए यह 91 औंस (2.7 लीटर) है।
- हालांकि, यह सलाह दी जाती है कि फूड और बेवरेज में पानी जरूर शामिल करें।
- एक अच्छा नियम यह है कि शरीर की सुनें और प्यास लगने पर ही पीना पिएं। यह पानी का अच्छा स्तर बनाए रखने के लिए पर्याप्त होना चाहिए।
- हालांकि, केवल प्यास पर निर्भर रहना सभी के लिए सही नहीं होता है। एथलीट, वयस्कों और गर्भवती महिलाओं को प्रत्येक दिन कुछ अतिरिक्त पानी पीने की आवश्यकता हो सकती है।
इन बीमारियों में अधिक पानी का सेवन करने से बचे:
जो लोग हार्ट फेल्यिर,हाई ब्लड प्रेशर, और गुर्दे की समस्या से परेशान है तो उन्हें दिन में एक लीटर से ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए। इससे उनके खून में सोडियम कम हो जाता है जिस कारण आंखों के सामने अंधेरा छाने लगता है और व्यक्ति बेहोश हो जाता है।
जिन बुजुर्ग व्यक्तियों को डिमेंशिया हैं उनमें हाइपोनेट्रीमिया का खतरा अधिक बना रहता है। साथ ही ध्यान रखें कि एक साथ और एक ही बार में ज्यादा पानी नहीं पिएं क्योंकिलोगों का मानना है कि अधिक पानी पीने से शरीर की सारी गंदगी बाहर निकल जाती है। जबकि बार-बार और अधिक पानी पीने से लिवर पर गलत असर पड़ता है।
डायबिटीज के मरीज के लिए सही मात्रा में पानी पीना है जरूरी
डायबिटीज मरीज की बात की जाए तो उन्हें तब भी प्यास लग सकती है, जब उनके शरीर को पानी की जरूरत न हो। पानी की जरूरत जानने का आम तरीका यह है कि जब उन्हें प्यास लगे तब पानी पिएं। यूरिन के रंग को देखकर आप यह पता कर सकते हैं कि पानी की मात्रा बॉडी में सही है या नहीं। अगर यूरिन साफ-रंगरहित है तो समझिए आप हाइड्रेट हैं और अभी पानी की जरूरत नहीं है। वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक उन्हें प्यास लगती है, तब तक वह डीहाइड्रेट हो चुके होते हैं। इसलिए जरूरी है कि डीहाइड्रेट होने से पहले ही पानी पी लिया जाए, ताकि डायबिटीज के मरीजों को डीहाइड्रेशन का सामना न करना पड़े।
अगर यूरिन का रंग पीला है, तो समझें कि शरीर को पानी की जरूरत है और आप पानी का सेवन करें। मगर किसी-किसी डायबिटीज के मरीज को, जिनकी किडनी स्वस्थ है, वे अत्यधिक पानी पी सकते हैं। उनके लिए अत्यधिक पानी पीना फायदेमंद होता है, क्योंकि जल्दी- जल्दी यूरिनेशन के जरिए वह नैचुरल तरीके से शुगर लेवल को कम कर सकते हैं।