आपका स्वास्थ्य खतरे में है अगर आप भी उपयोग कर रहे smart फ़ोन| Mobile phone ke nuksan & bachaav
मोबाइल आज के समय में हमारे जीवन का अहम् हिस्सा बन गया है . इस कोरोनाकल में लाकडाउन में बड़ों क साथ बच्चो को भी इससे दूर रखना नामुमकिन हो गया है .चाहे बडो का ऑफिसियल काम हो या बच्चों की पढाई हो हर काम में मोबाइल का उपयोग बढ़ गया है.ऐसे में ये जानना और भी जरुरी हो गया है की जो मोबाइल हम दिन रात लेकर घूमते रहते है उसके क्या साइड इफ़ेक्ट है क्या नुक्सान है और साथ ही उससे कैसे बचा जा सकता है .आँखों की रौशनी तेज करने की घरेलू प्राकृतिक उपचार | 1 महीने में बढ़ाये आँखों की रोशनी
मोबाइल हमारे लिए जितना ही अच्छा है उसका नुक्सान भी उतने ही ज्यादा है क्योकि उससे उत्पन्न होने वाला रेडिएशन बहुत ही खतरनाक है मोबाइल फोन का प्रयोग करते समय शरीर में जाने वाले रेडिएशन की मात्रा को स्पेसिफिक एब्सार्पशन रेट (SAR) कहते है। भारत में स्पेसिफिक एब्सार्पशन रेट (SAR) के लिये पहले से मानक तय है जिसके अनुसार प्रत्येक मोबाइल फोन का SAR रेट 1.6 वॉट प्रति किग्रा से ज्यादा नहीं होना चाहिये अगर यह इससे ज्यादा है तो यह आपके शरीर के लिए हानिकारक है। अपने मोबाइल का रेडियशन स्तर यानि SAR जॉचने के लिये आप *#07# डायल करें, यदि फोन का SAR वैल्यू 1.6 वॉट प्रति किग्रा (1.6W/kg) से अधिक है तो यह खतरे का संकेत है और ऐसी स्थिति में अपना मोबाइल फ़ोन तुरंत बदल लेना चाहिए।आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए रामबाण उपाय | बच्चों के आँखों की रौशनी बढाने के घरेलु उपाय
मोबाइल ने आजकल हमारे जीवन को बहुत ही सरल बना दिया है। मोबाइल से आज हम लगभग हर काम कर सकते है, लेकिन मोबाइल हमारे लिए जितना अच्छा है, उतना ही इससे पैदा होने वाला रेडिएशन खतरनाक भी है। मोबाइल के अधिक प्रयोग से इससे निकलने वाले खतरनाक मोबाइल रेडिएशन स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा प्रभाव डालते है, अगर आप 50 मिनट तक लगातार मोबाइल फोन को इस्तेमाल करते हैं, तो यह आपके दिमाग के सेल्स को प्रभावित कर सकता है।अपराजिता के फायदे और नुकसान
अंतर्राष्ट्रीय एवं भारतीय मानक के अनुसार मोबाइल फोन का रेडिएशन लेवल 1.6 वाट/किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए मगर प्रतिस्पर्धा के दौर में तमाम कंपनियां कम कीमत पर मोबाइल हैंडसेट बाजार में लाने के लिए मानक की अनदेखी कर रही हैं। सेल्युलर टेलीकम्यूनिकेशन एंड इंटरनेट एसोसिएशन के अनुसार सभी मोबाइल हैंडसेट पर रेडिएशन संबंधी जानकारी देनी जरूरी है |अपराजिता के फायदे और नुकसान
मोबाइल फोन का प्रयोग करते समय शरीर में जाने वाले रेडिएशन की मात्रा को स्पेसिफिक एब्सार्पशन रेट (SAR) कहते है। इंडिया में स्पेसिफिक एब्सार्पशन रेट (SAR) के लिये मानक पहले से तय है जिसके अनुसार प्रत्येक मोबाइल फोन का SAR रेट 1.6 वॉट प्रति किग्रा से ज्यादा नहीं होना चाहिये अगर यह इससे ज्यादा है तो यह आपके शरीर के लिए नुकसानदेह है। अपने मोबाइल का रेडियशन स्तर यानि SAR जॉचने के लिये आप *#07# डायल करें, यदि फोन का SAR वैल्यू 1.6 वॉट प्रति किग्रा (1.6W/kg) से अधिक है तो यह खतरे का संकेत है और ऐसी स्थिति में अपना मोबाइल फ़ोन तुरंत बदल लेना चाहिए। sadabahar health benefits Iसदाबहार रखे आपको सदाबहार
मोबाइल रेडिएशन के शरीर पर नुकसान
मोबाइल रेडिएशन की वजह से सिरदर्द, चक्कर आना, आंखों में ड्राइनेस,लगातार थकान महसूस करना, काम में ध्यान न लगना,नींद न आना, सुनने में कमी, याददाश्त में कमी, अनियमित धड़कन, जोड़ों में दर्द आदि की समस्या उत्पन्न होती है ।cumin seeds for health and weightloss|जीरा मोटापा दूर भगाए और रखे स्वस्थ
मोबाइल को साइलेंट या फिर वाइब्रेशन में करके तकिये के निचे रखकर कभी नही सोना चाहिए.यूनिवर्सिटी ऑफ केलिफोर्निया के एक शोध के अनुसार मोबाइल को वाइब्रेशन मोड पर ज्यादा देर तक इस्तेमाल करने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.ऐसा इसलिए क्योंकि मोबाइल से जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन निकलती है, वह दिमाग की कोशिकाओं को वृद्धि करने में प्रभावित करती है जिससे ट्यूमर विकसित हो सकता है. युवाओं के सर को 25%, 10 से 5 साल तक के बच्चों के सर को 50% और 5 साल के कम उम्र के बच्चों को 75% तक प्रभावित करता है| betel nuts health benefits|सुपारी खाने के फायदे
कई अनुसंधान में ये बात सामने आयी है की रेडिएशन से लंबे समय के बाद प्रजनन क्षमता में कमी आती है , डब्ल्यूएचओ की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार कैंसर कैंसर तक होने की आशंका बढ़ जाती है।, ब्रेन ट्यूमर और गर्भपात की समस्या भी हो सकती है।
गर्भावस्था क दौरान जहाँ तक संभव हो, ऐसे विकिरण से बचने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।मोबाइल रेडिएशन से गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकता है। जामुन खाने के फायदे| jamun benefits
मोबाइल के ज्यादा प्रयोग से अधिक देर तक हम रेडिएशन के प्रभाव में रहते है जिससे
क्या आप जानते है कि मोबाइल शारीर से पानी सोख लेता है.मोबाइल को लंबे समय तक इस्तेमाल करने से जो तरंगे निकलती है वह पानी सोख लेती है.5 natural fat burner weight loss tea| चर्बी को मक्खन की तरह पिघलाएगी ये चाय
जवाहरलाल नेहरु कॉलेज के प्रो. जितेंद्र बिहारी का कहना है कि मानव शारीर में तकरीबन 70% पानी होता है और जब यह रेडिएशन के प्रभाव में होता है तो इसका अवशोषण करता है.
दिमाग में द्रव्य की मात्रा ज्यादा होती है और मोबाइल की रेडिएशन इस द्रव्य की मात्रा को असंतुलित करती है जिससे बीमारियाँ होती है और इसी के साथ मोबाइल नपुंसकता को भी बढ़ाता है, स्पर्म में 30% की कमी आ सकती है.
एक शोध के मुताबिक हर दिन आधे घंटे या उससे ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करने पर 8-10 साल में ब्रेन ट्यूमर की आशंका 200 से 400 फीसदी तक बढ़ जाती है|cancer and lifestyle according to Ayurveda|आयुर्वेद के साथ कैंसर से कैसे लडें
मोबाइल से निकलने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी से डीएनए के नष्ट होने का खतरा भी हो सकता है
मोबाइल के रेडिएशन से दो तरह का कैंसर (ग्लिमा और ध्वनिक न्यूरोमास) हो सकता है।
मोबाइल फोन को पॉकेट या फिर बेल्ट के पास रखना हानिकारक हो सकता है. इससे इलेक्ट्रोमेगनेटिक विकिरणों का प्रभाव हड्डियों पर पड़ता है और उनमें मौजूद मिनरल लिक्विड समाप्त हो सकता है|rose health benefits and use|गुलाब के फूल के अद्भुत फायदे और उपयोग
मोबाइल रेडिएशन के दुष्प्रभावो से बचने के लिये उपाय
अगर आपको ज्यादा लंबी बात करनी हो तो स्पीकर का उपयोग करें । या लीड लगा कर बातें करें | यदि बात करते समय फोन को दोनों कानो पर बारी-बारी से बदलते रहे |
जब हम बात करते हैं तो हम में से ज्यादातर लोग एक ही हाथ और एक ही तरफ के कान का इस्तेमाल करते हैं जिससे सिर के हिस्से पर अधिक रेडिएशन का असर होता है । अलग-अलग कानो पर फोन लगाकर सुनने से आपके सिर का एक हिस्सा हमेशा ज्यादा मोबाइल रेडिएशन से प्रभावित नहीं होगा मोबाइल नंबर डायल के बाद, फोन को कान पर रखने से पहले कॉल कनेक्ट करने का इंतजार करें जब कॉल लग जाये तब फोन को कान पर लगाकर बातें करना शुरू करें क्योंकि फोन कनेक्शन के दौरान सबसे तेज रेडिएशन पैदा करता है, फिर एक कनेक्शन लग जाने के बाद रेडिएशन शक्ति कम करता है।Winter skin care tips I सर्दियों में ये नुस्खे आपके त्वचा और शरीर के लिए जादू का काम करेगे
मोबाइल को जेब से निकालकर कम कम-से-दो फुट यानी करीब एक हाथ की दूरी पर रखें। सोते हुए भी फोन से दूरी बनाए रखें।
अलार्म की वजह से लोग अक्सर मोबाइल अपने पास रखकर सोते है जो कि बहुत नुकसानदायक है मोबाइल की जगह आप अलार्म खटिड ले और उसे उपयोग करें सोते समय मोबाइल से दूरी बनाए रक्खें
आपका मोबाइल फोन भले ही बंद हो और आप इसका प्रयोग न कर रहे हों, लेकिन फिर भी इसे जेब में या तकिये के नीचे रखकर न सोये ये बहुत हानिकारक है |Crack heels homemade remedy | best crack heels home remedy at home in hind
अपने सेल फोन को बंद कर दें या उपयोग में न आने पर इसे एयरप्लेन मोड में रख दें।
वीडियो देखने के लिए अपने बच्चों को फोन देने से पहले, पहले वीडियो डाउनलोड करें और फोन को एयरप्लेन मोड पर लगा कर दें |
फोन को चार्ज पर लगाकर कभी बात न करें। इस वक्त मोबाइल रेडिएशन (Radiation) 10 गुना तक बढ़ जाता है।
मैसेज चैट करना एक अच्छा विकल्प है बात करने का । कोशिश करें कि जब तक जरूरी न हो कॉल पर बात करने के बजाए मैसेज के माध्यम से बातचीत करें।
एक अध्ययन के अनुसार यदि फोन में सही सिग्नल नहीं दिखाई दे,तो फोन कमजोर है जो मोबाइल रेडिएशन को बढ़ाने वाला हो सकता है |
फोन कॉल करने से पहले इस बात पर ध्यान दें कि मोबाइल पर पूरा सिग्नल हो। अगर सिग्नल कमजोर होगा तो कॉल करने पर फोन को सिग्नल पहुंचाने में ज्यादा मेहनत करनी होती है। और रेडिएशन बढ़ जाता है ।
लंबी बातों के लिए लैंड लाइन फोन का प्रयोग करें तो ये सबसे अच्छा उपाय होगा |
अपने फोन में एंटीना कहाँ फिट किया गया है इसकी जांच करें। यह आमतौर पर ऊपरी हिस्से में फिट किया जाता है। यदि आपके फ़ोन में उपर ही है, तो कॉल करने के दौरान फोन को निचले हिस्से से पकड़ने का प्रयास करें। यदि ऐन्टेना को कहीं और फिट गया है, तो फोन के उस हिस्से से पकड़ने की कोशिश ना करें क्योंकि यही पर सबसे ज्यादा मोबाइल रेडिएशन होता है।Carrot health benefits in Hindi|गाजर खाने के औषधीय गुण
मोबाइल को कान पर लगाएं तो नीचे से पकड़ें, पूरा फोन नहीं पकडे |
लंबे समय तक शर्त की जेब मे मोबाइल रखने से दिल की धड़कन का अनियमित होने की आशंका होती है।
पैंट की जेब में मोबाइल रखने से शुक्राणुओं में कमी होने लगती है जिससे नपुंसकता भी हो सकती है। इसलिए पैंट की जेब में मोबाइल रखने से बचें |
रेडिएशन कम करने के लिए अपने फोन के साथ एंटी-रेडिएशन शील्ड (Anti-Radiation Shield) का इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रोटेक्टिव केस का उपयोग करें। बाजार में इस तरह के केस मिल जाएंगे, जो रेडिएशन के सीधे असर को कम कर सकता है। ।Only one habbit keep you forever young | बस एक आदत जो रखे आपको हमेसा जवान
ब्लू टूथ कान में लगाने से भी रेडिएशन का खतरा बना रहता है ये ध्यान देने योग्य बातें है |
मोबाइल टॉवरों से जितना संभव हो सके, दूर रहें।
अगर आपके घर के बिल्कुल सामने मोबाइल टावर है तो घर की खिड़की दरवाजे बंद करके रखे |
घर की खिड़कियों पर खास तरह की एन्टी रेडिएशन ग्लास फिल्म लगा सकते हैं क्योंकि सबसे ज्यादा रेडिएशन ग्लास के जरिए ही आता हैं |
आप चाहे तो मोबाइल रेडिएशन से बचाव के लिए खिड़की दरवाजों पर शिल्डिंग पर्दे लगा सकते हैं। ये पर्दे काफी हद तक रेडिएशन को रोक सकते हैं।
मोबाइल रेडिएशन चेक नंबर – अपने मोबाइल सेट पर *#07# डायल कर रेडिएशन की खुद भी जांच की जा सकती है। यह नंबर डायल करते ही मोबाइल स्क्रीन पर रेडिएशन वैल्यू आ जाती है। मोबाइल के रेडिएशन का मानक अधिकतम 6 वाट प्रति किलोग्राम तक ही होना चाहिए। रेडिएशन चेक करने के विषय में
मोबाइल फोन के नुकसान क्या है?
मोबाइल रेडिएशन की वजह से सिरदर्द, चक्कर आना, आंखों में ड्राइनेस,लगातार थकान महसूस करना, काम में ध्यान न लगना,नींद न आना, सुनने में कमी, याददाश्त में कमी, अनियमित धड़कन, जोड़ों में दर्द आदि की समस्या उत्पन्न होती है ।
मोबाइल से क्या लाभ और क्या हानि है?
मोबाइल फ़ोन ने जहाँ हमारी लाइफ को बहुत आसान कर दिया है वही इसक बहुत नुक्सान भी है मोबाइल रेडिएशन की वजह से सिरदर्द, चक्कर आना, आंखों में ड्राइनेस,लगातार थकान महसूस करना, काम में ध्यान न लगना,नींद न आना, सुनने में कमी, याददाश्त में कमी, अनियमित धड़कन, जोड़ों में दर्द आदि की समस्या उत्पन्न होती है ।
1 दिन में कितने घंटे मोबाइल चलाना चाहिए?
जितना कम हो सके मोबाइल का इस्तेमाल करें .ऐसा नही है की कम टाइम तक मोबाइल इस्तेमाल करेगे तो फयदे होगे नुक्सान तब भी होगा पर कम होगा और देर से होगा