kalaunji ke faayde aur nuksaan
आयुर्वेद में कलौंजी के बारे में क्या कहा गया है किसको खाना चाहिए किसको नहीं इसकी क्या प्रकृति है और किन लोगों को कलौंजी खाने से बचना चाहिए kalaunji ke faayde aur nuksaan इसक बारे में पूरी जानकारी इस आर्टिकल में मोरिंगा सहजन के आयुर्वेदिक स्वास्थ्य लाभ |Drumstick health benefits
तो आइए जानते है कलौंजी के बारे में
कलौंजी का संस्कृत शब्द संस्कृत-पृथु, उपकुञ्चिका, पृथ्वीका, स्थूलजीरक, कालिका, कालाजाजी
ये शरीर में दोषों को कम करने का काम करती है। इसलिए इसे संस्कृत में उपकूँचिक कहा गया है
कलौंजी के गुण
लघु रुक्ष तीक्षण और उष्ण है
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यह हल्की है dryness पैदा करती है शरीर में तीक्षण भेदन करने का काम करती है और ये गरम है नेचर में ।
मतलब ये गरम है हल्की है और रुक्ष है तो ये मोटे लोगों पर सबसे अच्छा काम करेगी । कफ के दोष को कम करता है या जिस भी धातु धातु के अंदर कफ दोष गया है । वात पित्त कफ अगर बिगड़ता है तो बीमारियाँ करता ही है परंतु ये जिस भी धातु के अंदर जाते है उसकी बीमारी करते है जैसे कफ दोष अगर रस धातु में जता है तो तो शोथ जैसे बीमारी शरीर में सूजन आना खून की कमी श्वाश की बीमारी ये करेगा यही जब रक्त धातु मे जाता है तो खून की गाँठे होना क्लाट होना कोलेस्ट्रॉल बढ़ना लिपिड प्रोफाइल बढ़ जाना और यही कफ जब मांश धातु के अंदर चला गया तो गाँठे जैसे होगी
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और यही मेध धातु के अंदर गया तो और ज्यादा मोटापा वैट बढ़ना ये सब होने लगेगा । ऐसे बहुत सीबीमारियाँ होने लगती है अगर कफ अलग अलग धातुवों में जाता है तो अब ये उपकूँचिक यानि कलौंजी गरम होती है नेचर में तो ये कफ का पाचन करने में मदद करती है
कफ दोष को कम करती है कलौंजी
शरीर में जहां कही एक्स्ट्रा कफ बढ़ा हुआ है या ज्यादा चर्बी है ज्यादा फैट है या आजकी भाषा मे लिपिड प्रोफाइल बढ़ा है कोलेस्ट्रॉल है फैटी लिवर जैसे बीमारी है या शरीर में कहीं पर भी ब्लोकेज या रहे है ट्राइ ग्लिसराइड लेवल बहुत बढ़ा है हयपोथीरॉईड pcod खाना हजम होने के कारण जॉइन्ट पेन है इन सभी कन्डिशन में ये जो कलौंजी का उष्ण तीक्षण गुण है बहुत फायदेमंद है जो भी खाएगे पूरा पचेगा | Digestion kaise thik kare | how to improve digestion
वात दोष को ठीक करती है कलौंजी
वात के ऊपर ज्यादा काम करेगी क्योंकि नेचर में गरम है तो कफ को कम करेगी कफ के बाद वात पर बहुत अच्छा काम करेगी तीसरा ये पित्त बढ़ाने का काम करेगी क्योंकि गरम है नेचर में तो पित्त बढ़ाने का काम करती है अब पित्त बढ़ने से दो चीजें होगी फायदा भी होगा और नुक्सान भी
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कलौंजी के फायदा
कलौंजी दीपन पाचन करती है
कफ वात को कम कर रही पित्त को बढ़ा रही तो ये पाचन को अच्छा करे गी भूख अच्छे से लगेगी खाना जो भी खाएगे वो अच्छे से हजम होगा मतलब दीपन और पाचन का काम करेगी । ये 5 चीजें आपकी सेहत के लिए वरदान है
कलौंजी अनुलोमान क काम करती है
अनुलोमान करेगी जो भी गैस बनती है खान खाने के बाद पेट फूलता है bloating होता है पेट फूल जाता है खाना खाने के बाद सीने मेंन जलन होता है पेट भारी हो जाता है खाने के बाद खाना हजम न होने से पेट में दर्द होता है उन सभी में ये अनुलोमन करके खाना हजम करने में मदद करेगी ।
Acidity में कलौंजी के फायदे
अगर किसी को acidity है अब दो तरह की acidity होगा ऐसिड के साथ खट्टा पानी आता है मतलब कफ भी है तब ये फायदेमंद होगी पर केवल जलन होता है गर्मी होती है मिर्ची जैसे तीखी चीजें खाने से एसिडिटी होती है मीठा खाने से तकलीफ नहीं होती पर तीखा या फिर खट्टा खा लिए तो तकलीफ होती है ऐसे में कलौंजी उतनी फायदेमंद नहीं होगी ।
गर्भाशय की बीमारी में कलौंजी के फायदे
ये गर्भाशय को संकोच करने में मदद करता है मतलब ये सारी की सारी महिलाओ के लिए फायदेमंद होगया जिनको मासिक धर्म सही से नहीं आता या फिर मासिक धर्म के समय बहुत ज्यादा क्रैम्प होता है ऐंठन होती है पीरीअड समय से नहीं आता है ।
मोटी महिलायें है और उनक साथ ये तकलीफ होती है या वजन ज्यादा होने से पीरीअड समय से नहीं आ रहा है pcod जैसे परेसानी है गर्भाशय में गांठ है बल्की यूटरस है इन सभी में कलौंजी बहुत फायदेमंद है
Post Delivery मे कलौंजी के फायदे
बच्चा होने के बाद जो औषधि लेनी होती है आप देखेगे आयुर्वेद में बच्चा होने के बाद ज्यादातर गरम औषधियाँ लेने के लिए बोली जाती है और ठंडी चीजों को अवॉइड किया जाता है क्योंकि हमारे शरीर में उस समय वात का प्रकोप हुआ रहता हैं इसलिए सिर ढककर रखते है ठंडी हवा से बचाते है बच्चे को बचाते है ताकि हवा न लगे बच्चे को नुकसान न करे इसलिए उस समय जीरा मेथी गोंद अजवाइन ये सब गरम औषधीया लेने के लिए बोला गया है । मेथी और गरम मसाले मिलाकर लड्डू दिया जाता है ऐसे में इस कलौंजी का उपयोग भी बहुत फायदेमंद है क्योंकि ये वात को कम करती है स्तनयाजनन में मदद करती है बहुत से घरों में इसका उपयोग किया जाता है डेलीवेरी के बाद मसाले का हलवा बनाकर दिया जाता है माँ को बच्चे और माँ दोनों के लिए फायदेमंद होगा तो डिलिवरी के बाद इसे उपयोग किया जा सकता है ।
Dandruff scalp psoriasis में कलौंजी के फायदे
गरम होने के कारण ये Dandruff में उपयोग हो सकती है । और अगर गर्मी के कारण बाल जा रहे है तब तो ये बिल्कुल भी उपयोगी नहीं होगी ऐसे लोग जिनको बहुत ज्यादा dandruff होता है स्कैल्प सोरैसिस में जिसमे हमेशा खुजली होती है और स्किन की परत गिरती रहती है या वात कफ से संबंधित जीतने भी स्किन के डिसॉर्डर है उन सभी में ये लाभदायक है ।
जॉइंडिस या सिर दर्द में कलौंजी के फायदे
आयुर्वेद में इसका तेल जॉइंडिस या सिर दर्द में नाक में डालने के लिए उपयोग करते हैं
इसके उपयोग करने की मात्र 1 से 3 ग्राम की उपयोग करती है
आम दोष ( toxin) का पाचन मे कलौंजी के फायदे
ये सभी धातुवों के आम दोष का पाचन करती है मतलब ऐसे लोग जो बैठ के काम करते है जिनकी कोई शारीरिक ऐक्टिविटी नहीं है खाना हजम नहीं होता खाने के बाद भारीपन लगता है खाना खाने का मन नहीं करता आलस आता है खाना देखकर उलटी जैसा लगता है इन सभी कन्डिशन में ये उपयोगी होगी मतलब सभी धातुवों के अंदर जो भी टॉक्सिन है आम है उसको पाचन करके दे देगी
मज्जा यानि ब्रेन पर कलौंजी के फायदे
साथ ही साथ ये मज्जा यानि ब्रेन पर काम करती है ऐसे लोग जो डल है आलसी है धीरे धीरे काम करते है जिनका दिमाग मे जल्दी समझ नहीं आता उन सभी में ये बहुत फायदेमंद होगी । ये शुक्र धातु को भी पोषण देने मे मदद करती है
शरीर में ताकत बढ़ाती है पर वात कफ वालों की ताकत बढ़ाने में ज्यादा मदद करगी । बजाय पित्त वालों के । पिट वालों की ठंडी दवाइयाँ ज्यादा उपयोगी होगी
ये शरीर मेंन कृमि कम करने का काम करती है
मल को शरीर में रोकने का काम करती है पसीने से दुर्गंध आती है उन सबमें ये उपयोगी है
शरीर के अंदर जो ऑर्गन है ये गर्भाशय पर और आँखों पर सबसे ज्यादा इम्पैक्ट करेगी बाकी जगहों पर भी फायदेमंद होगी पर इन दो जगहों पर सबसे ज्यादा फायदा करगी