Mealy bug karan nivaran aur upay (मिलीबग समस्या, कारण,निवारण)

एक स्वस्थ और खूबसूरत पौधा हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर लेता है ।और हमारा मन करता है काश हमारे गार्डन में भी ऐसे पौधे होते । बागवानी इतना भी मुश्किल नही जीतनी हम सोचते है ।बस आपको पौधों के बारे में जानने की जरूरत है । जैसे हर इंसान का अपना नेचर होता है वैसे ही पौधों का भी अपना एक नेचर होता है कुछ पौधे बिना किसी देखभाल के अच्छे से चलते है कुछ को थोड़ा ज्यादा देखभाल की जरूरत पड़ती है ।पर एक चीज ऐसी है जो सभी पौधो के लिए जरूरी है और वो है कीटों के अटैक से पौधौं को बचाना ।3 type onion peel fertilizer

जब हम पौधे लगते है चाहे जमीन पर लगाये या फिर छत पर लगाये ।तो उस समय पौधे की मिट्टी में थोड़ा fungicid मिला दे गमले की मिट्टी में तो जरूरी हो जाता आर्गेनिक fungicide के रूप में आप नीम की खाली मिला सकते है ये पौधे की फर्टिलाइजर का काम भी करता है। ये तो हो गई मिट्टी की बात ।अब अक्सर हम देखते है मानसून सीजन में या कुछ ऐसे पौधे है जिनकी पत्तियों पर बहुत जल्दी कितपतंगो का अटैक होता है उनमें से एक सफेद चिपचोपी रुई जैसे कीड़े होते है जो पौधव कि टहनियों पत्तियों पर पनपते है और बहुत तेजी से फैलने लगते है ।अगर समय से इनको हटाया न जाये यो ये पूरे पौधे को खराब कर देते है ।ये पौधव की पत्तियों से रास चूस लेते है उनका और उनकी शकी कम करने लगते है पौधे जो भी खाद पानी लेते है उसको ये उनकी पत्तियों और टहनियों से चूस लेते है ।और जीतनि भी नायें पत्ते निकलते उनपर बहुत तेजी से अटैक करते है ये ।इसलिए इनका जल्दी से जल्दी ट्रीटमेंट करना जरूरी हो जाता है ।homemade citrus enzyme for plants growth

लच्छण

यह कीटों के समूह से बना सफ़ेद रुई की तरह गुच्छों में पत्तियों, तनों, फूलों और फलों के नीचे के हिस्से पर दिखाई देता है। ये बहुत तेजी से फैलते हैं। हालांकि कम संख्या होने से इनका प्रभाव बहुत कम होता है, फिर भी संक्रमण से पत्तियों का पीला पड़ना तथा मुड़ना, पौधों में अवरुद्ध विकास तथा फलों का समय से पहले गिरना देखा गया है। पुरानी पत्तियों के आकार खराब होने की संभावना कम होती है। कीट रसों के अवशोषण के दौरान मधुरस का उत्सर्जन भी करते हैं तथा इससे ऊतक चिपचिपे हो जाते हैं और अवसरवादी जीवाणुओं तथा कवकों के समूह के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं। फल आक्रमण के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं तथा ये विकृत हो सकते हैं अथवा पूर्ण रूप से मोम के उत्सर्जन की परत से ढक सकते हैं। मधुरस के प्रति चींटियाँ आकर्षित होती हैं तथा कीटों को अन्य पौधों तक फैला सकती हैं।Banana peel fertilizer for plants (kele ke chilke ka fertilizer)

मीलीबग अंडाकार कर के होते है ,ये पंखहीन कीट होते हैं जो ऊष्ण तथा शीतोष्ण जलवायु में पाए जाते हैं। उनका शरीर एक पतले दानेदार मोम की परत से ढका होता है जिससे ये रुई जैसे दिखते हैं। ये अपने लम्बे, छिद्र करने तथा चूसने में सक्षम मुँह के हिस्से (स्टाइलेट) को पौधों के ऊतकों में घुसा देते हैं और उनका रस पीते हैं। लक्षण उन विषैले पदार्थों की प्रतिक्रिया के कारण होते हैं जो ये खाते समय पौधों में डाल देते हैं। मीलीबग के अंडे भी मिट्टी में दिए जाते हैं। अंडे फूटने के बाद, कीटडिंभ तथा वयस्क समीप के पौधों तक रेंग के जाते हैं। ये ज़्यादा या कम दूरी तक हवा, चींटियों, पशुओं, पक्षियों या सामान्य खेत के कार्यों, जैसे कि छंटाई या फसल कटने, के दौरान भी बिखर सकते हैं। इनके कई वैकल्पिक धारक होते हैं, जिनमें बैंगन और शकरकंद के साथ कई खरपतवार भी शामिल हैं। ऊष्ण तापमान तथा शुष्क जलवायु इनके जीवन-चक्र तथा लक्षणों की तीव्रता के लिए अनुकूल होते हैं।15 type vegitable grow with less sunlight

जैविक उपाय(organic solution)

हल्के से भी संक्रमण के प्रथम चिन्ह के तुरंत बाद, मीलीबग की बसावट को तेल या स्पिरिट में डूबे रुई के फोहे से पोत दें। आप पौधों को गर्म पानी तथा थोड़े से डिटर्जेंट, पेट्रोलियम तेल या कीटनाशक साबुन से भी धो सकते हैं। इन्हें फैलने से रोकने के लिए समीपवर्ती पौधों पर नीम के तेल का छिड़काव करें। प्राकृतिक प्रतिपक्षीयों में हरे लेसविंग, परजीवी ततैये, होवर मक्खियां, लेडीबर्ड भृंग, मीलीबग विनाशक तथा शिकारी तितली स्पेलजिस एपियस शामिल हैं। यह कुछ कीटनाशक बनाने की विधि बताते है जिसे असांज से घर मे आप बना सकते है |terrace gardening setup idea|घर की छत पर कैसे करें बागवानी |terrace garden|छत पर बागवानी

विधि 1

सामग्री

हाफ टीस्पून मीठा सोडा

2से 3 बून्द निम तेल या कोई भी vagitable आयल

2से तीन बूँद लिक्विड साबुन

अब इन तीनो सामग्री को एक लीटर पानी मे डालकर अच्छी तरह मिला ले फिर इन्हें एक स्प्रे बोतल में भरकर इन्फेक्टेड पौड़जो पर अछि तरह छिड़क दें एक से दो बार के छिड़काव में ही आपके सारे मिली बग कीड़े खत्म हो जायेगे अगर बहुत ज्यादा है तो 3 दिन तक लगातार स्प्रे करे ।एक बात ध्यान देंने योग्य है इस स्प्रे का छिड़काव रात में करे।leaf curl causes and treatment

विधि 2

एक लीटर पानी मे केरोसिन जिसे मिट्टी का तेल भी कहते हिअ उसकी 3 से 4 बूंदे मिला के और स्प्रे बोतल में भरकर पौधों पर स्प्रे करे तो मिली बग बहुत आसानी से खत्म हो जाती है |succulents plants care |succulents plant care in Hindi

सावधानी : केरोसिन आयल की मात्रा ज्यादा नही होनी चाहिए वरना प्लांट की पत्तियां जल जाएगी ।छिड़काव का सबसे सही टाइम शाम में या रात में है ।hanging basket flower plant

रासायनिक नियंत्रण (chemical solution)

हमेशा समवेत उपायों का प्रयोग करना चाहिए, जिसमें रोकथाम के उपायों के साथ जैविक उपचार, यदि उपलब्ध हो, का उपयोग किया जाए। मीलीबग के विरुद्ध उपचार कठिन होता है क्योंकि ये प्रतिकूल वातावरण से मोम की परतों तथा रेशों के कारण सुरक्षित रहते हैं। फिर भी, इमिडाक्लोप्रिड, एसिटामिप्रिड और क्लोरपायरिफ़ोस पर आधारित पत्तियों के स्प्रे मीलीबग के विरुद्ध प्रभावी हो सकते हैं।

Nivarak upaay (mealy bug treatment)

  • स्वस्थ पौधों अथवा प्रमाणित स्त्रोतों के बीजों या कलमों का प्रयोग करें.
  • कीट के संकेतों के लिए खेतों की नियमित निगरानी करें.
  • संक्रमित पौधों या पौधों के भागों को हटा दें तथा नष्ट कर दें.
  • खेतों में तथा उसके समीप खरपतवार हटा दें.
  • क्षेत्र में वैकल्पिक धारकों को न उगायें.
  • खेतों में कार्य करने के दौरान मीलीबग का प्रसार न होने देने का ध्यान रखें.
  • खेतीबाड़ी के अच्छे अभ्यासों की मदद से शिकारियों की आबादी को बढ़ावा दें, उदाहरण के रूप में ऐसे कीटनाशकों का उपयोग करें जो विशेष रूप से मिलीबग के लिए हों.
  • मौसम के दौरान फ़सल में पानी भर के सिंचाई न करें.
  • सही समय पर संतुलित उर्वरीकरण कार्यक्रम का उपयोग करें.
  • औज़ारों तथा उपकरणों का कीटाणुनाशन अत्यंत आवश्यक है.
  • गैर-संवेदनशील पौधों के साथ फसल चक्रीकरण की सलाह दी जाती है।.

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